दुनिया का सबसे पुराना रहस्यमय चक्र,जिसकी कहानी आज तक अनसुलझी हैं…

जीवन में खोजबीन  के साथ वैज्ञानिकों को ऐसी चीजें मिल जाती हैं,जिन्हे सुलझाना एक रहस्य बन जाता हैं। ठीक आज से 112साल पहले की बात करते हैं,प्राचीन महल के भग्नावशेष की खुदाई के समय पुरातत्व विभाग को एक रहस्यमय चक्र मिला था। उस चक्र पर कुछ ऐसे अभिलेख लिखे हुए हैं जिसकी गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई हैं।चक्र

इस रहस्यमय चक्र को ‘फैसटॉस डिस्क’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह क्रीट टापू के फैसटॉस नामक जगह पर मिला था। इस डिस्क की जब कार्बन डेटिंग की गई तो पता चला कि इसे ईसा पूर्व दूसरी सहस्राब्दी (हजार वर्ष) से भी पहले बनाया गया था। यह डिस्क तपायी हुई सख्त मिट्टी से बनी हुई है।

यूनानी सभ्यता में रूचि रखने वाले इटैलियन पुरातत्ववेत्ता लुइगी पर्निएर ने साल 1908 में ‘फैसटॉस डिस्क’ की खोज की थी। दरअसल, वो और उनकी टीम मिनोअन सभ्यता के उस राजमहल के भग्नावशेष की खुदाई का काम रही थी, जो प्राचीन काल में आए किसी भूकंप या फिर ज्वालामुखीय विस्फोट से धराशायी हो गया था और धरती के अंदर समा गया था। महल के तहखाने में एक दीवार को जब तोड़ा गया तो अंदर एक बड़ा सा कमरा दिखाई दिया, जिसमें बहुत सारी चीजें इधर-उधर बिखरी पड़ी थीं।चक्र Download Amar Ujala App for Breaking News in Hindi & Live Updates. https://www.amarujala.com/channels/downloads?tm_source=text_share

पर्निएर जैसे ही उस कमरे में घुसे, उनकी नजर एक गोल डिस्क पर जाकर टिक गई। पर्निएर ने जब उस डिस्क को उठाया तो देखा कि उसपर चित्र लिपि में कुछ भी समझ न आने वाली चीजें लिखी हुई हैं। अब उस डिस्क में क्या लिखा है, यह आज भी एक रहस्य ही बना हुआ है।

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सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि 15 सेंटीमीटर व्यास वाली इस डिस्क के दोनों तरफ सर्पिलाकार खांचे बने हैं, जिसमें अनसुलझी चित्र लिपि लिखी हुई है। अब इसमें सोचने वाली बात ये है कि इस तरह के स्वरूप मिनोअन काल की अन्य रचनाओं से मेल नहीं खाते हैं। इस विषय में कुछ विद्वानों का मानना है कि ‘फैसटॉस डिस्क’ एक जालसाजी या धोखा है, जिसे लुइगी पर्निएर ने ही रचा था। हालांकि सभी लोग इससे सहमत नहीं हैं। पुरातत्वविदों द्वारा इसे प्रामाणिक रूप से स्वीकार किया गया है।

 

 

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