
कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। सभी लोग अपने घरों में कैद हैं, ऐसे में रोज काम करके कमाने वाले हजारों मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं।
सीएम योगी ने रातों रात घरों से जगाकर परिवहन अधिकारियों को बुलाया. फिर इवर और कंडक्टरों के साथ रातों रात 1000 बसों का इंतजाम किया गया. कोरोना वायरस महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में आमजन की सुविधा के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की रात को सीएम योगी ने सतत समीक्षा की. इस क्रम में उन्होंने मंडलायुक्तों/जिलाधिकारियों/पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर विविध दिशा-निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, इन आश्रय स्थलों में भारत सरकार के स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे मजदूरों और व्यक्तियों को भोजन, दवा तथा अन्य जरूरी सुविधाओं की कोई कमी न हो. इस मद में समस्त 75 जनपदों को कुल 13.50 करोड़ की धनराशि निर्गत की गई है. मुख्यमंत्री ने दूसरे प्रदेश या जनपदों से मजदूरों अथवा अन्य जनों की आवाजाही की सूचना के दृष्टिगत समस्त जनपदों को आश्रय स्थल/स्क्रीनिंग कैम्प स्थापित करने के निर्देश दिए हैं.
लॉकडाउन से परेशान मजदूरों के लिए प्रशासन ने किए कई इंतजाम, शुरू की स्पेशल बस
इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश से जुड़े जो लोग महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड आदि प्रदेशों में रोजगार के लिए गए हैं, उनके लिए महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से बात की है और उनकी सुरक्षा और व्यवस्था की बात कही. उन्होंने कहा कि वे लोग वहां से प्रस्थान न करें बल्कि वहीं उनके रहने की पूरी व्यवस्था कर दी जाए. सभी राज्य सरकारें इस पर पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही हैं.