अतिक्रमण के कारण जल संचयन को लगा तगड़ा झटका,फेल होते दिखे सभी निर्देश…

रिपोर्ट-मिथिलेश द्विवेदी 

भदोही। कालीन नगरी भदोही में जल संचयन की दिशा में ठोस कदम नहीं उठने से आने वाले समय में जल संकट उत्पन्न हो सकता हैं। खास तौर से मरम्मत और जिर्णोद्धार के अभाव में जहां तमाम पुराने कुओं का  वजूद मिटता जा रहा है, वहीं तालाबों पर लगातार हो रहे अतिक्रमण से जल संचयन को तगड़ा झटका लगा है।

अतिक्रमण

भदोही में जल संचयन की दिशा में शासन के निर्देश के बावजूद अभी तक ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। कुछ समय पहले लगातार जलस्तर नीचे खिसने की वजह से भदोही डार्क जोन में था। भदोही जिले की दो छोटी नदियों मोरवा और वरूणा की खोदाई तो करवाई गयी, लेकिन इस कार्य में भी उदासीनता बरती गयी।

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तालाबों पर भी लगातार अतिक्रमण हो रहा है। एक जमाने में जल संचयन के सबसे बड़े श्रोत कुओं पर अतिक्रमण से लगातार मिटते वजूद से भी जल संचयन को झटका लगा है। हजारों कुएं आज भी बदहाल हैं और उन पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है। बावजूद इसके जिला प्रशासन उदासीन बना हुआ है।

 

 

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