सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती , टैक्स कलेक्शन में आ रही हैं सुस्ती…

देश में इस वक्त कारोबारी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही हैं. देखा जाये तो सोना हो या चांदी या फिर बड़ी से बड़ी कंपनी सब मंदी के स्तर पर हैं.  वहीं अब  मोदी सरकार के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है.  

 

खबरों के मुताबिक आर्थिक सुस्‍ती के बीच टैक्‍श कलेक्‍शन की धीमी रफ्तार ने मोदी सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. यही वजह है कि सरकार की ओर से टैक्‍स कलेक्‍शन में तेजी लाने के लिए नए सिरे से मंथन की जा रही है. यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य अखिलेश रंजन ने दी है. इसके साथ ही उन्‍होंने कॉरपोरेट टैक्‍स कम करने के भी संकेत दिए.

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बतादें की वहीं कॉरपोरेट टैक्‍स को कम किए जाने पर अखिलेश रंजन ने कहा कि सरकार इस मामले पर गौर कर रही है. उन्होंने कहा कि आज या कल कॉरपोरेट टैक्‍स की दर में कमी होनी ही है. रंजन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कॉरपोरेट टैक्‍स को कुछ कम किए जाने की जरूरत पर जोर दिया.

लेकिन वहीं चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से 17 सितंबर की अवधि में डायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन 4.7 फीसदी बढ़कर 5.50 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5.25 लाख करोड़ रुपये रहा था. इस टैक्‍स कलेक्‍शन में से एडवांस टैक्‍स कलेक्‍शन 7.3 फीसदी बढ़कर 2.20 लाख करोड़ रुपये पर है. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में एडवांस टैक्‍स कलेक्‍शन 2.05 लाख करोड़ रुपये रहा था.

दरअसल आर्थिक सुस्‍ती के बीच टैक्‍श कलेक्‍शन की धीमी रफ्तार ने मोदी सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. यही वजह है कि सरकार की ओर से टैक्‍स कलेक्‍शन में तेजी लाने के लिए नए सिरे से मंथन की जा रही है. यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य अखिलेश रंजन ने दी है. इसके साथ ही उन्‍होंने कॉरपोरेट टैक्‍स कम करने के भी संकेत दिए.

 

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