इस रस्म से मुस्लिम समाज चाहता है मुक्ति, जानें क्या है ऐसा

रिपोर्ट-संजय मणि त्रिपाठी

मुरादाबाद-मुरादाबाद की नगर पंचायत पाकबड़ा में जामा मस्जिद में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों से इमाम ने मुस्लिम समाज में चलने वाली कुछ ऐसी परम्पराओं के खिलाफ तक़रीर करते हुए कह दिया कि जिन रस्मों की वजह से कई बार रिश्ते खत्म होने की नोबत तक आ जाती है उसमे सबसे बुरी रस्म ये है कि लड़की की शादी में लड़के के माँ बाप यानिकी समधी समधन को दिए।

जाने वाले सोने चांदी के जेवर अब नहीं दिए जाएंगे इससे लड़की पक्ष पर बोझ पड़ता है तो कई बार ये रस्म रिश्तों में दरार डाल देती है। न कोई देगा और न कोई लेगा।इस बात का क्या मस्जिद में मौजूद मुस्लिम समाज के युवकों बल्कि जिस युवक ने सूना समर्थन करता हुआ नजर आया।

जनपद मुरादाबाद की नगर पंचायत पाकबड़ा के जामा मस्जिद में लोगों की बड़ी जमात के सामने मस्जिद के इमाम ने दीनी तकरीर न करते हुए बिरादरी और समाज में फैली कुछ ऐसी परम्पराओं को जड़ से खत्म करने का कारण बताते हुए कुछ ऐसी बात कही जिसका वहां मौजूद सभी लोगों ने समर्थन किया।

पाकबड़ा जामा मस्जिद के इमाम शम्मे अली ने शादी में लड़की पक्ष की ओर से लड़के के माँ बाप यानिकी समधी समधन को दिए जाने वाले जेवर की मुखालफत की। इमाम शम्मे अली का कहना है कि लड़की के सास ससुर को अब कुछ नहीं दिया जाना चाहिए इसी रस्म के चलते कई बेटियों के रिश्तों में दरार आ जाती हैं,,ये बात कहीं न कहीं आने वाली नस्लों के लिए फायदेमंद है। इमाम ने और धर्म के लोगों से भी इस तरह के नियम कायदों को लागू करने की बात कही।

मस्जिद में इमाम की कही बात समझ वहां मौजूद फिरोज ने उठकर मस्जिद में मौजूद मुस्लिम जमात में इमाम की कही बात का समर्थन करते हुए कहा कि एक बाप बेटी के लिए एक भाई बहन के लिए इंतजाम नहीं कर पा रहा है कि कहां से लेकर आऊं कैसे लेकर आऊं अब ऐसे में समधी और समधन के लिए कहां से लाये।

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इएलिये इस नापाक हरकत के लिए आपने जो आज वायदा किया है ये पूरे भारत में आवाज उठेगी। वहां मौजूद लोगों ने ही नहीं इलाके के जिस व्यक्ति ने भी इमाम का ये फरमान सुना उसने भी इसका समर्थन करते हुए तारीफ की।

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