
रिपोर्ट: कुलदीप राणा आजाद
PLACE – रूद्रप्रयाग
मेले जहाॅ ग्रामीण क्षेत्रों की संस्कृति के झलक होते हैं वही मेलों में जिला प्रशासन के पास भी सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का एक बड़ा अवसर होता है।
लेकिन जिला प्रशासन की बेरूखी देखिए कि ग्रामीणों से लाखोें खर्च करवाकर जागतोली दशज्यूला महोत्सव की शुरूआत तो करवा दी लेकिन अपने वादे के मुताबिक सरकारी विभागों की स्टाल मेले में भेजना भूल गया, ऐसे में मेले में खाली पड़ी विभागों की स्टालों को देख जागतोली दशज्यूला महोत्सव के मेला समिति व ग्रामीण अपने को ठगा और उपेक्षित मससूक कर रहे हैं।
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दरअसल लोगों का कहना है कि आयोजन से पहले जिला प्रशासन ने सरकारी विभागों के स्टाॅल लगाने की व्यवस्था करने को कहा था, समिति द्वारा व्यवस्था तो कर दी गयी लेकिन आज स्टाॅल खाली नजर आ रही है, ऐसे में क्षेत्र की जनता अपने को ठगा महसूस कर रही है। पिछले कई सालों से इस क्षेत्र की सामाजिक धार्मिक और पहाड़ सभ्यता और परम्पराओं को संजोने के साथ ही 12 गांवों के ग्रामीणों के लिए मिलन के केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध इस मेले को इस वर्ष कमेठी ने और भव्य रूप दिया था लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि सरकारी तंत्र इस मेले की घोर उपेक्षा कर रहा है।