जानिए बीटरूट को उगाने का आसान तरीका

बीटरूट या चुकन्दर एक मीठी और स्वास्थ्य के लिए अच्छी सब्जी है। उसके लाल पिगमेंट्स में बहुत सारे ऐंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कैंसर का रोकथाम और हृदय का संरक्षण करते हैं। बीटरूट को उगाना आसान है और वह घर के बगीचों में उगाई जाने वाली 10 सबसे अच्छी सब्जियों में से एक है।

जानिए बीटरूट को उगाने का आसान आसान तरीका

बीज बोयें

  • बीज या अंकुर चुनें: ये आपको आसानी से अपने पास वाली नर्सरी या गार्डन सेंटर में मिल जायेंगे। आप बीज लेने में संकोच न करें। बीटरूट को उगाना बहुत आसान है।
    आप अपने पसंद के रंग रूप और स्वाद के अनुसार बीटरूट की किस्म चुन सकते हैं। “बोल्टारडी” किस्म के बीटरूट सबसे अच्छे हैं अगर आप उन्हें जल्दी बोने जा रहे हैं। वाइट और गोल्डन किस्म को उगने में आधा समय लगता है और सलाद में डालने पर उनका रंग बहता नहीं है (पर वे सुंदर गहरे लाल रंग के नहीं होते हैं|

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  • उगाने के लिए एक उपयुक्त जगह चुनें: बीटरूट के लिए मध्यग, नम, उपजाऊ मिट्टी जिसमें ज्यादा चूना या ऐसिडिटी (pH 6.5-7.0) न हो, अच्छी रहती है। मिट्टी को नरम होना चाहिए और उसमें ज्यादा चिकनी मिट्टी या रेत नहीं होनी चाहिए। उसकी जड़ सतह पर उगती है इसलिए चिकनी मिट्टी चल सकती है पर उसे ढीला करके उसमें वेल रॉटेड ऑर्गैनिक मैटर डालना चाहिए (अगर मिट्टी में ज्यादा चिकनी मिट्टी नहीं है तो यह न डालें)। एक खुली हुई जगह चुनें जहाँ अच्छी धूप आती हो, थोड़ी छायीं हो तो भी चलेगा।
    अगर आप पहले योजना बनायें तो आप पतझड़ के अंतिम दिनों में या वसंत के शुरू में, बोनें से कुछ हफ्ते पहले, मिट्टी में एक आम ग्रैन्यूलर फ़र्टिलाइज़र डाल सकते हैं। इससे मिट्टी पौष्टिक तत्त्व सोख लेगी।
  • बीटरूट को गमलों में भी उगा सकते हैं: अगर आप गोल किस्म (लम्बे बेलन आकार, किस्म के बीटरूट कम उगाते हैं) का बीटरूट उगा रहें हैं, आप उसे आसानी से कम से कम से 20 cm (8 इंच) चौड़े और कम से कम 20 cm (8 इंच) गहरे गमले में उगा सकते हैं।
    गमले को ऊपर तक ढीले, बहु प्रयोजन कम्पोस्ट से भरें। फिर सतह पर दूर दूर बीज बोयें और 2 cm (0.75 इंच) कम्पोस्ट से ढकें। जब अंकुर 2 cm (करीब एक इंच) ऊँचें हो जाएँ तो कमजोर अंकुरों को हटाकर तंदुरुस्त अंकुरों को बढ़ने की जगह दें। उनके बीच में करीब 12 cm (5 इंच) जगह छोड़ें।
  • मिट्टी को जोतकर तैयार करें: मिट्टी में से वीड्स, कचरा और पत्थर हटायें जिनसे उगने में रूकावट हो सकती है। मिट्टी को सिर्फ फावड़े के एक ब्लेड की गहराई तक जोतने की जरूरत है। काम चलाऊ ढंग से जगह को बराबर करें और ऊपर के हिस्से को पाँचा (rake) से ढीला करें।
    अगर भारी मिट्टी है तो उसे पतझड़ के अंतिम दिनों में तैयार करें। हलकी मिट्टी को वसंत के शुरू में तैयार कर सकते हैं।[४] अगर आप पतझड़ में बोने जा रहे हैं तो सर्दियों में मिट्टी के ऊपर के हिस्से को खुरदरा रहने दें ताकि सर्दियों का मौसम उस पर जोर डाल सके।
    उत्तरी गोलार्ध में आखिरी ठंडक के बाद बीज बोयें। दक्षिणी गोलार्ध में सितम्बर से फरवरी तक बीज बोयें।
  • बीज बोयें या अंकुर लगायें: बीटरूट के बीजों को मिट्टी में 2 cm (3/4″-1″) गहरा बोयें। उन्हें एक दूसरे से कम से कम 5 से 10 cm (2-4″) दूर रखें। उनको पंक्तियों में बोना सबसे अच्छा है।
    अगर आप सक्सेशन प्लांटिंग कर रहे हैं, आप हर 14 दिनों में बीटरूट बोयें ताकि आप लगातार उनकी कटाई कर सकते हैं। ये सक्सेशन हार्वेस्टिंग के लिए आसान विकल्प है।

विधि

बीजों की देखभाल करें

रोज़ पानी डालें जबतक पत्तियाँ निकलने लगें: शुरू में अंकुरित होने के लिए बीजों को अधिक पानी की जरूरत होती है। जड़ स्थिर हो जाने के बाद वे मिट्टी से नमी लेते हैं।
किन्तु आवश्यकता से अधिक पानी न डालें। इससे उनकी ज्यादा पत्तियाँ और कम जड़ें निकल सकती हैं और “बोल्टिंग” (bolting) (फूल निकलेंगे पर सब्जी नहीं निकलेगी) होने की आशंका होती है। जरूरत से कम पानी डालेंगे तो जड़ें लकड़ी जैसी होंगी।
अंकुर निकलने के बाद हर 10-14 दिनों में जब सूखा हो तो पानी डालें।[५]मौसम असाधारण रूप से सूखा हो तो अलग बात है नहीं तो सामान्य बरसात का पानी उसके लिए काफी है।

उन्हें दूर दूर करें: जब बीटरूट्स की पत्तियाँ 2 cm (1 इंच) लम्बी हो जाएँ आप उन्हें एक दूसरे से कम से कम 10 cm (4 इंच) दूर करें। इसके लिए आप कमज़ोर अंकुरों को निकालें और ज्यादा तंदुरुस्त वालों को रहने दें। [६]
कुछ लोगों की राय है कि 10 cm से थोड़ी ज्यादा जगह छोड़नी चाहिए। इसलिए अगर आपके पास ज्यादा जगह है तो आप उनके बीच में ज्याद जगह छोड़ सकते हैं।[७]
कुछ लोग कहते हैं कि उन्हें इस प्रकार दो बार थिन (thin) या दूर दूर करना चाहिए। एक बार इस समय और एक बार फिर जब वे कुछ सेंटीमीटर और लम्बे हो जाएँ। आप चाहें तो यह कर सकते हैं। [८]

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पौधों को फ़र्टिलाइज़ करें: प्रति 10 स्कुएयर मीटर्स जगह के लिए 4-6 लीटर (1.1-1.6 US gal) पूरा ऑर्गैनिक फ़र्टिलाइज़र (complete organic fertilizer) डालें। कम्पोस्ट या वेल रॉटेड मैन्योर (well-rotted manure) की एक पतली परत डालें। अगर पौधे अच्छी तरह न उग रहे हों तो आप प्रति स्कुएयर मीटर के लिए 30g हाई नाइट्रोजन फ़र्टिलाइज़र (high nitrogen fertilizer) डाल सकते हैं।
चिडियों और वीड्स को दूर रखें: आप जिस जगह पर रहते हैं उसके अनुसार अपने पौधों को पशु पक्षियों से बचाने के लिए कोई उपाय करें। आप जब भी कोई वीड देखें उसे हाथ से निकाल दें। पर कोशिश करके उसे निकालने के लिए जड़ के पास फावड़ा या अन्य तेज़ चीज न इस्तेमाल करें। आप गलती से जड़ को काट सकते हैं इसलिए हाथ से वीड्स निकालना सबसे अच्छा है।

पौधों की कटाई करें और उन्हें जमा करें

  1. अपने (कुछ) पौधों की कटाई करें: जब आपको जड़ दिखाई देने लगेगी, आप उसकी नाप का अनुमान लगा सकते हैं। बीटरूट्स संतरे के बराबर हो जाएँ तो आप उनकी कटाई कर सकते हैं। ज्यादा बड़े होंगे तो उनका स्वाद इतना अच्छा नहीं होगा। आप उनके टॉप को पकड़कर एक कांटे जैसे उपकरण या फावड़े के सहारे जड़ को ऊपर करके देख सकते हैं कि वे कितने बड़े हैं।
    साधारण रूप से, वे बोने के 8 हफ्तों बाद या 2.5 cm (1 इंच) चौड़े होने के बाद तैयार माने जाते हैं। कुछ लोग बारी बारी कटाई करते हैं, वे कुछ बीटरूट्स को तोड़ लेते हैं और बाकी को पूरी तरह से पकने के लिए लगा रहने देते हैं। इससे बचे हुए बीटरूट्स जल्दी ज्यादा बड़े होते हैं। करीब 7.5 cm (3 इंच) चौड़े बीटरूट्स का स्वाद सबसे अच्छा होता है।
  2. कुछ को ऋतु के लिए मिट्टी में छोड़ दें: आप चाहें तो कुछ बीटरूट्स को अगले वसंत के लिए मिट्टी में छोड़ दें। उनकी रक्षा करने के लिए, उन्हें घास-भूसे के भारी घासपात से ढकें। अगर सर्दियों में तापमान -18०C / 0०F से नीचे न जाये तो आप बाद में घासपात हटाकर, अधिक जड़ें खोदकर निकाल सकते हैं।
    ध्यान रखें, इससे बीटरूट्स की लकड़ी जैसी संरचना हो सकती है।
  3. टॉप्स को संभालकर रखें: पत्तियों को न काटें; उन्हें क्राउन से 5 cm (2″) ऊँचे घुमाकर निकालें। इससे ब्लीडिंग नहीं होगी जिसकी वजह से बीट का स्वाद और रंग चला जाता है।
    इसका अर्थ यह नहीं है कि आप उन्हें फेंक दें। आप टॉप्स को बचाकर रखें और पकाएं फिर पालक की तरह खाएं। आप माने या न माने, वे बहुत स्वादिष्ट होते हैं।
  4. बाद में उपयोग करने के लिए उन्हें जमा करें: जड़ वाली सब्जियों को सर्दियों में अच्छे से जमा कर सकते हैं। बीटरूट्स को जमा करने के लिए उन्हें लकड़ी के बक्सों में रेत की परतों के बीच में रखें। उन बक्सों को ठंडक से दूर (frost free), सूखे वातावरण में रखना चाहिए।

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यह करने के लिए, एक कंटेनर लें और उसमें 5 cm (2 इंच) रेत डालें। उसके ऊपर बीट्स की एक परत रखें। इस प्रकार दोहराएं जबतक पूरा कंटेनर भर जाये। रेत की वजह से वे अंकुरित नहीं होंगे और उनका स्वाद ताज़ा रहेगा।

सलाह

  • बोने से 24 घंटे पहले बीजों को पानी में भिगोयें, इससे वे जल्दी अंकुरित होंगे। *प्रत्येक बीटरूट के “बीज” में से तीन से चार अंकुर (seedlings) निकलते हैं। वास्तव में आप जो “बीज” बोते हैं वह एक सुखाया हुआ सीड केस (dried seed case) होता है जिसमें कई बीज होते हैं। सब एक साथ नहीं बढ़ते हैं, इसलिए आप प्रधान अंकुर को पहचानें और अप्रधान अंकुरों को जमीन तक काटें। उनको खींचकर बाहर न निकालें इससे प्रधान अंकुर की जड़ें हिल जाएँगी।
  • मध्यम तापमान और गर्म मिट्टी में वे सबसे अच्छे उगते हैं।
  • बीटरूट ठंडे मौसम की फसल है, और ठंडक को सह सकता है।

चेतावनी

  • ठंडक या गर्मी की अवधि के प्रभाव से बीटरूट पर सफेद रंग के गोले (“zoning”) बन सकते हैं। पर उसके स्वाद पर कोई असर नहीं होगा।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • बीटरूट के बीज या अंकुर
  • फ़र्टिलाइज़र Fertilizer
  • मध्यग, उपजाऊ मिट्टी
  • बागबानी के उपकरण

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