पुलिसकर्मियों का परिवार दहशत के साए में जीने को मजबूर, आखिर इनके परिवार वालों को कौन सुनेगा और कब?
REPORT- विजय पचौरी
बस्तर: छत्तीसगढ़ जगदलपुर के पुलिस कॉलोनी में रहने वाले 20 पुलिस कर्मियों का परिवार बदहाल मकानों में दहशत के साए में जीने को मजबूर है रात दिन हुई बारिश से पूरी तरह जर्जर हो चुके मकान कभी भी धराशाई हो सकते हैं|
जगदलपुर पुलिस पेट्रोल पंप के पीछे पुलिस के रहने के लिए जो सरकारी क्वार्टर बने हुए हैं उनमें से अधिकांश हिस्से की छत और छज्जा गिर चुके हैं जो हिस्सा बचा हुआ है वह कभी भी धराशाई हो सकता है|
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हालत यह है कि सरकारी क्वार्टर का पूरा बोझ एक बरगद का पेड़ उठाया हुआ है इन मकानों को देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल है कि ऐसे खंडहर नुमा मकान में आखिरी पुलिस कर्मियों के परिवार के लोग कैसे रहते होंगे|
लगभग 30 साल पुराने इस कॉलोनी की हालत इतनी बद से बदतर हो गई हैं कि वहां पर एक दिन भी बिताना मुश्किल है लेकिन परिस्थितियां और परिवारिक समस्याओं को देखते हुए पुलिसकर्मी और उनके परिवार वाले यहां जीवन बसर करने को मजबूर हैं|
कुछ पुलिसकर्मियों के परिवार वालों से बातचीत करने पर पता चला कि इस समस्याओं को लेकर कई बार आला अधिकारियों से नए क्वार्टर की मांग की जाती रही है परंतु उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है|
आड़ वाल में सैंकड़ों पुलिस क्वार्टर बने हैं लेकिन इन लोगों को प्राथमिकता नहीं दी गई यह पूरी कॉलोनी जर्जर हो चुकी है वहीं छतों से पानी टपकने भी लगा है बरसात के दिनों में और भी खतरा बढ़ जाता है|
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इन घरों में रहने वाले पुलिसकर्मियों का परिवार रात जागरण करने को मजबूर है कई पुलिसकर्मियों का परिवार पॉलिथीन, तिरपाल डालकर किसी तरह पानी से बचने का प्रयास करते रहते हैं लेकिन छत व दीवार ढहने के डर से रातों की नींद गायब हो जाती है|
कॉलोनी की दीवारों पर बड़े-बड़े पेड़ उग आए हैं जो की दीवार की सुरक्षा कर रहे हैं आखिर इन पुलिसकर्मियों के परिवार की कौन सुनेगा और कब सुनेगा?