नई दिल्ली : अपने भविष्य को संवारने के लिए हम कड़ी मेहनत तो करते हैं लेकिन महंगाई के इस दौर में अपने सभी सपने पूरे नहीं कर पाते। इसलिए अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट के बाद लोग पेंशन की सुविधा लेते हैं।

बता दें की तब भी हमेशा ये चिंता सताती रहती है कि उनके बच्चों का भविष्य कैसा होगा और वो अपनी सभी जरूरतों को पूरा कर पाएंगे या नहीं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी सुविधा के बारे में बताएंगे जिससे आप अपने बच्चों की भी पेंशन करवा सकते हैं। न सिर्फ बच्चे लेकिन अपनी पत्नी या पति और माता-पिता के नाम भी पेंशन करवा सकते हैं।
वहीं ये बात तो सभी जानते हैं कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) की सुविधा देती है। इस सुविधा के तहत कंपनी के पीएफ योगदान में से एक हिस्सा कर्मचारियों की पेंशन यानी इम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) में जाता है।
रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी इस पेंशन का फायदा उठा सकते हैं। लेकिन ये बात कुछ ही लोगों को पता है कि इस पेंशन से आपकी पत्नी या पति और बच्चों को भी पेंशन का फायदा मिलता है।
देखा जाये तो अगर ईपीएफ मेंबर का निधन हो जाता है तो उसके पत्नी या पति और बच्चों को भी पेंशन का फायदा मिलता है। बता दें कि इस फैमिली पेंशन का योगदान कंपनी देती है। कंपनी के साथ सरकार भी इसमें अपना योगदान देती है। सरकार द्वारा जो योगदान दिया जाता है वो बेसिक सैलरी के 1.16 फीसदी से ज्यादा नहीं होता।
दरअसल ईपीएस का लाभ उठाने के लिए कम से कम 10 साल लगातार नौकरी करना अनिवार्य है। इस सुविधा के तहत आपके दो बच्चों को 25 साल तक पेंशन की सुविधा मिलेगी। वहीं अगर आप शादीशुदा नहीं है तो आप जिसे भी नॉमिनी नियुक्त करते हैं, उसे पूरी जिंदगी पेंशन की सुविधा मिलती है।
लेकिन कई कर्मचारी ऐसे भी होते हैं जिन्होंने किसी को भी अपना नॉमिनी नहीं बनाया होता। ऐसी स्थिति में आपकी पेंशन के हकदार आपके माता पिता हो जाते हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों को एक और सुविधा मिलती है, अगर कर्मचारी विकलांग हो जाते हैं, तो भी उनके बच्चे को पेंशन का लाभ पूरी जिंदगी दिया जाता है।
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