प्रधानमंत्री के विवादित भाषण पर विपक्ष के दो बड़े नेताओं ने जमकर साधा निशाना
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विवादित भाषण पर विपक्ष के दो बड़े नेताओं ने निंदा करते हुए जमकर उनपर निशाना साधा। उन पर तंज कसते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा का बाबू जय श्रीराम कहता है लेकिन क्या उसने एक भी राम मंदिर बनवाया? चुनाव के दौरान भगवान रामचंद्र आपके पार्टी एजेंट बन जाते हैं और आप (मोदी) कहते हैं कि रामचंद्र मेरे चुनाव एजेंट हैं। आप जय श्रीराम का नारा लगाते हो और दूसरे को ऐसा जबरन बोलने के लिए कहते हो।
उधर, छत्तीसगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मोदी अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। उन्हें इलाज की दरकार है।
सोमवार को मोदी ने तामलुक (बंगाल) की रैली में कहा था, ‘‘दीदी इतनी बौखला गई हैं कि अब उन्हें भगवान की बात करना भी खटक रहा है। हालत तो यह है कि जय श्रीराम कहने वालों को दीदी गिरफ्तार करवाकर जेल भेज रही हैं। दीदी के इसी रवैये की वजह से पश्चिम बंगाल में लोगों को अपने हिसाब से पूजा पाठ करने, पूरी आजादी के साथ अपने व्रत, पर्व, त्योहार मनाने में दिक्कत हो रही है।’’
ममता ने कहा, ‘‘आप (मोदी) किसी से जबर्दस्ती कुछ नहीं बुलवा सकते। हमारी भगवान राम में आस्था है। हम जानते हैं कि उन्हें किस तरह आदर देना है। हम जय हिंद, वंदे मातरम, मां-माटी-मानुष की जय, तृणमूल कांग्रेस की जय बोलेंगे। लेकिन, वे नारे कभी नहीं लगाएंगे जो भाजपा लोगों से सुनना चाहती है।’’
भूपेश बघेल ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘कोई सोच भी नहीं सकता है कि प्रधानमंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति एक ऐसे व्यक्ति पर अभद्र टिप्पणी करेगा जो अब इस दुनिया में ही नहीं है। दरअसल, मोदी अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। उन्हें इलाज की जरूरत है। उन्होंने खुद कहा कि वे रात में 3-4 घंटे ही सोते हैं। कम नींद लेने के चलते ही उन्होंने मानसिक स्तर बिगड़ गया है। ऐसी स्थिति में उच्च पद पर रहना देश के लिए खतरा हो सकता है।‘
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बघेल के मुताबिक, ‘‘राजीव गांधी का देश के लिए योगदान एक मील के पत्थर की तरह है। सूचना-प्रौद्योगिकी और पंचायती राज के लिए किए गए उनके काम हमारे सामने हैं। देश की एकता-अखंडता के लिए उन्होंने अपना जीवन न्योछावर कर दिया। मरणोपरांत उन्हें देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। राजीव जी पर भद्दी टिप्पणी करना घोर निंदनीय है।’’