जैश-ए- मोहम्मद के प्रशिक्षण केंद्रों पर हवाई हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा…
सूत्रों का कहना है कि खुफिया एजेंसियों के पास सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) की तस्वीरों के तौर पर सबूत हैं। जिसमें चार इमारतें नजर आ रही हैं। इनकी पहचान उन लक्ष्यों के तौर पर हुई है जिन्हें कि वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज-2000 ने पांच एस-2000 प्रिसिजन गाइडेडे म्यूनिशन (पीजीएम) के जरिए निशाना बनाया था।
एक अधिकारी ने कहा, ‘पाकिस्तानी सेना ने स्ट्राइक के बाद मदरसों को सील क्यों कर दिया? उसने मदरसे के अंदर पत्रकारों को जाने की इजाजत क्यों नहीं दी? हमारे पास एसएआफ तस्वीरों के तौर पर सबूत हैं जो दिखाते हैं कि इमारत का इस्तेमाल अतिथिगृह के तौर पर होता था। जहां मौलाना मसूद अजहर का भाई रहता था। एल आकार वाली इमारत में प्रशिक्षु रहा करते थे। दोमंजिला इमारत का इस्तेमाल मदरसे में प्रवेश करने वाले छात्रों के लिए होता था और अन्य इमारत में अंतिम कॉम्बैट का प्रशिक्षण पाने वाले प्रशिक्षु रहते थे। यह सभी बमबारी की चपेट में आ गए।’
अधिकारी ने आगे कहा, ‘यह राजनीतिक नेतृत्व पर निर्भर करता है कि वह उन तस्वीरों को जारी करके उन्हें सार्वजनिक बनाना चाहते हैं जो वर्गीकृत क्षमता है। एसएआर तस्वीरें सैटेलाइट तस्वीरों की तरह साफ नहीं हैं। हमें मंगलवार को अच्छी तस्वीरें नहीं मिली क्योंकि आसमान में घने बादल लगे हुए थे। इससे बहस सुलझ जाती। मदरसे का चुनाव बहुत सावधानी से किया गया था क्योंकि यह वीराने में स्थित था और वहां नागरिकों की मौत होने का अंदेशा बहुत कम था। वायुसेना को दी गई खुफिया जानकारी सटीक और समयानुकूल थीं।’