
हिंदू कैलैंडर के मुताबिक 13 फरवरी से 11वें महीने की शुरुआत हो रही है. आज के दिन सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश कर रहा है, इस बदलाव को कुंभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है. इसी वजह से आज के दिन सूर्य भगवान की खास पूजा और पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. वहीं. प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में भी ब्रह्म मुहूर्त से ऋद्धालु सूर्य देव को अर्घ्य दे रहे हैं.
कब है कुंभ संक्रांति?
इस बार 13 फरवरी 2019 को सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश कर रहा है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक यह 11वें महीने की शुरुआत है. कुंभ संक्रांति के दौरान गाय को खाना खिलाना पुण्य माना जाता है. इसके साथ ही इस दिन पवित्र नदी खासकर त्रिवेणी गंगा में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है.
कुंभ संक्रांति का शुभ मुहूर्त
पुण्य काल मुहूर्त – 07:05 से 09:03 तक (1 घंटा 58 मिनट)
महापुण्य मुहूर्त – 08:39 से 09:03 तक (23 मिनट)
क्या है कुंभ संक्रांति?
संक्रांति सूर्य की राशि बदलने से आती है. सूर्य जब भी राशि बदलते हैं, उसके साथ संक्रांति नाम जुड़ जाता है. जैसे सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे मकर संक्रांति कहते हैं. ठीक इसी तरह कुंभ संक्रांति से समय सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करता है. बता दें, एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए सूर्य को लगभग एक महीने का समय लगता है. साल के 12 महीनों में सूर्य अलग-अलग राशियों में जाता है. इसे सौर मास भी कहते हैं.
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कुंभ संक्रांति का व्रत और पूजा विधि
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में सूर्य भगवान की उपासना करें और उन्हें अर्घ्य दें.
अर्घ्य देने के बाद आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें.
सूर्य देव की पूजा करें
पवित्र नदी में नहाएं.
गरीबों और ब्राह्मणों को खाने की वस्तुएं और कपड़ें दान करें.
इसके अलावा कुंभ संक्रांति के दिन गोदान करना भी बेहद शुभ माना जाता है.