पीएम मोदी नोटबंदी नहीं यह नियम बनाते तो खत्म हो जाता भ्रष्टाचार

रियाद। सऊदी अरब में छिड़े भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान ने उसका खजाना भर दिया है। युवराज मुहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में छेड़े गए इस अभियान में देश की शाही सत्ता में प्रभुत्व रखने वाले कई राजकुमारों, धनी कारोबारियों, सैन्य अफसरों और सरकारी अफसरों को रातों-रात गिरफ्तार करके पंचतारा होटल रिट्ज कार्लटन में निरुद्ध कर दिया गया था।

जैसे-जैसे उन्होंने दंड स्वरूप धन चुकता किया, वैसे-वैसे उनकी रिहाई होती गई। सभी की रिहाई के बाद देश के खजाने को 106.6 अरब डॉलर (75.66 लाख करोड़ रुपये) की प्राप्ति हुई है। यह जानकारी शाही अदालत ने दी है।

शादी अदालत के मुताबिक अभियान के तहत कुल 381 लोगों को तलब किया गया और उनसे पूछताछ की गई। इनमें से 87 लोगों से दंड स्वरूप धन, जायदाद, कारोबार और शेयर इत्यादि अधिग्रहीत किए गए। 56 लोगों के खिलाफ अभी जांच जारी है। अटॉर्नी जनरल ने उनका मामला निपटाने से इन्कार कर दिया है। उनके खिलाफ अन्य आपराधिक आरोप भी हैं। उनकी जांच जारी है।

आठ लोग ऐसे हैं जिन्होंने सरकार के साथ समझौता करने से इन्कार कर दिया है और वे अदालत में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चार नवंबर, 2017 को शुरू हुआ था। इसके बाद आरोप लगे कि युवराज मुहम्मद ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को किनारे करने के लिए यह अभियान चलाया था।

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अभियान के तहत अरबपति प्रिंस अलवलीद बिन तलाल को करीब तीन महीने तक होटल में बंद करके रखा गया। दुनिया की बड़ी कंपनियों में निवेश करने वाले अलवलीद को गिरफ्तार किए जाने की खबर सुर्खियां बनी थी।

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