उत्तराखंड। अब उत्तराखंड में अवैध खनन पर ‘ऊपरवाला’ नजर रखेगा। सरकार ने इसे रोकने की जिम्मेदारी उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) को सौंप दी है। इस प्रोजेक्ट पर यूसैक ने काम करना शुरू कर दिया है।
जल्द इसका डेमो दिखाया जाएगा। प्रोजेक्ट लागू होने के बाद खनन क्षेत्र में डिजिटल फेंसिंग कराई जाएगी। उसके बाद खनन क्षेत्र में कोई अवैध वाहन नहीं घुस पाएगा। साथ ही इसकी पल-पल की जानकारी सरकार और संबंधित अधिकारियों तक पहुंचेगी।
प्रदेश में कई नदियां हैं, जिनमें हर साल खनन किया जाता है। हर वर्ष इनमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां भी सामने आती हैं। लाख कोशिश के बावजूद सरकार अवैध खनन पर लगाम नहीं लगा पा रही है।
ऐसे में अब इसे रोकने के हाईटेक इंतजाम किया जा रहे हैं। यूसैक को इसकी जिम्मेदारी मुख्य सचिव ने सौंपी है। यूसैक सैटेलाइट (ऊपरवाला) के माध्यम से खनन क्षेत्रों की मैपिंग कर रहा है। इसके साथ ही खनन वाले क्षेत्रों की ड्रोन से इमेजिंग की जाएगी। उसके बाद खनन क्षेत्र में तार-बाड़ करने की बजाय डिजिटल फेंसिंग की जाएगी।
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यूसैक के निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट ने बताया कि डिजिटल फेंसिंग का फायदा यह होगा कि वहां कोई वाहन अवैध तरीके से प्रविष्ट नहीं हो पाएगा। खनन में लगे हर वाहन पर एक चिप लगाई जाएगी। जैसे ही ट्रक खनन वाली जगह पर पहुंचेगा वहां लगा हाईटेक गेट अपने आप इस चिप से खुल जाएगा।
अगर कोई अन्य वाहन अंदर जाने का प्रयास करेगा तो वह अंदर नहीं जा पाएगा। डॉ. बिष्ट ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत खनन वाले क्षेत्र में होने वाली हर गतिविधि की जानकारी तुरंत मुख्य सचिव से लेकर संबंधित अधिकारियों को उनके मोबाइल या डेस्कटॉप पर पता चल जाएगी। उसी हिसाब से कार्रवाई की जा सकेगी। गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए टास्क फोर्स गठित की थी।