छठ स्पेशल – सूर्य की कृपा से सभी तरह के रोगों का नाश होता है, इस तरह सूर्य को अर्घ्य करें जल

हिंदू धर्म में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। आजकल मां छठी की पूजा का भी बहुत विधान है। होली दिवाली की ही तरह अब छठ की भी पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है। इस त्योहार को उत्तर प्रदेश और बिहार में खासतौर पर मनाया जाता है। यह त्योहार भी पूरे साल में दो बार मनाया जाता है। एक बार चैत्र में एक बार कार्तिक में। लेकिन दिवाली के बाद कार्तिक माह में मनायी जाने वाली छठ पूजा की विशेष मान्यता दी गई है। इस पर्व को चार दिनों तक बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार का आगाज ‘नहाय-खाय’ से होता है।

छठ स्पेशल

क्या होता है इस दिन?

छठ पूजा के दिन भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा के चार दिनों के दौरान सूर्य और छठी माता की पूजा करने वाले लोगों की हर परेशानी दूर होती है जबकि मनोकामनाएं पूरी होती हैं। छठ पूजा के व्रत से कई प्रकार के रोगों का भी सफाया होता है। स्किन प्रॉब्लम और आंखों के विकार के लिए यह पर्व खासकर बहुत लाभदायक होता है।

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स्किन

वैज्ञानिकों का दावा है कि छठ वाले दिन सूर्य को अर्घ्य देने से स्किन की सभी बीमारियां दूर होती हैं। सर्दियां आते ही सूर्य का ताप कम होने लगता है, ऐसे में धूप से शरीर को सीधे तौर पर विटामिन डी तो मिलता ही है साथ स्किन की कई बीमारियां भी दूर होती हैं। छठ के दिन सूरज की पराबैगनी किरणें दोगुनी मात्रा में जमीन पर आती हैं। सूर्य की ये किरणें गठिया, ब्लड की कमी, जोड़ों का दर्द, स्किन प्रॉब्लम और हार्ट डिजीज में बहुत फायदेमंद होती हैं। ये किरणें शरीर को गर्म रखने में मदद भी करती हैं। साथ ही सूर्य की रोशनी शरीर में संचित हो जाती है जो जरूरत पड़ने पर शरीर को एनर्जी देती है।

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डिटॉक्सं करें

छठ पूजा के व्रत से शरीर के सभी विषाक्ती पदार्थों का जड़ से सफाया होता है। डिटॉक्सिफाई वायु प्रवाह को नियमित करने में मदद करता है और आपको अधिक ऊर्जावान बनाता है। यह तर्क बहुत ही सरल है। शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली को शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों से लड़ने में अपनी ज्या दा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है लेकिन, इस तरह के प्राणायाम, ध्यान, योग आदि और छठ प्रथा के व्रत जैसे विषनाशक तरीकों का उपयोग कर, शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों की मात्रा काफी हद तक कम की जा सकती है।

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