मालेगांव विस्फोट में 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय, पीड़ितों मिलेगा न्याय
मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) की यहां एक विशेष अदालत ने मंगलवार को 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और पांच अन्य के खिलाफ आतंक फैलाने के मामले में आरोप तय किए।
मामले में 12 मुख्य आरोपियों में से, सात के खिलाफ कठोर गैरकानूनी गतिविधि(रोकथाम) विधेयक(यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप तय किए गए।
पुरोहित और ठाकुर के अलावा, पांच अन्य आरोपी पूर्व मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी और सुधाकर चतुर्वेदी हैं।
सभी सात आरोपियों की उपस्थिति में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) के विशेष न्यायाधीश विनोद पाडेलकर ने आतंक फैलाने, आपराधिक साजिश रचने और हत्या के लिए यूएपीए और आईपीसी के तहत आरोप तय किए।
….तो क्या बिहार में FIX हो गई डील या फिर अब भी अधर में BJP+RLSP= ?
इस महीने की शुरुआत में, विशेष न्यायाधीश पाडेलकर ने आरोपियों द्वारा खुद के विरुद्ध यूएपीए प्रावधानों को लगाए जाने का विरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन पुरोहित ने इस आदेश के विरुद्ध बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
बंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी ने सोमवार को पुरोहित को किसी भी तरह की राहत देने से इंकार कर दिया था।
न्यायाधीशों ने कहा कि वे आरोपियों के खिलाफ आतंक के आरोप तय करने के मामले में रोक लगाने के पक्ष में नहीं हैं। न्यायालय ने हालांकि आरोपी की विशेष एनआईए अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई 21 नवंबर को मुकर्रर कर दी।
राहुल ने पनामा मामले में शिवराज के बेटे का नाम लेने पर मानी गलती
29 सितंबर, 2008 को, नासिक जिले के मुस्लिम बहुल मालेगांव में एक मस्जिद के बाहर मोटरसाइकिल में रखे गए बम विस्फोट में कम से कम छह लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद-रोधी दस्ते(एटीएस) ने लगभग 12 लोगों को गिरफ्तार किया था और 2011 की शुरुआत में मामले को एनआईए को सुपूर्द कर दिया गया था।