COA ने 7 राज्य संघों का वोटिंग अधिकार खत्म करने की मांग की

मुंबई। भारत में क्रिकेट की देख-रेख कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने सात ऐसे राज्यों की पहचान की है, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए संविधान को मानने से इनकार कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, सीओए ने सर्वोच्च न्यायालय से ऐसे सभी राज्य क्रिकेट संघों के वोटिंग अधिकार रद्द करने की सिफारिश की है।

COA

उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने नौ अगस्त को अपने आदेश में कहा था कि सभी राज्य क्रिकेट संघों को लोढा समिति की सिफारिश के आधार पर तैयार बीसीसीआई के संशोधित संविधान का पालन करना होगा।

हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, मेघालय, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश ने इस नए संशोधित संविधान के पालन से इनकार कर दिया है।

इसके अलावा अन्य राज्य क्रिकेट संघों को दो वर्गो में विभाजित किया गया है। इनमें एक वर्ग- ‘पार्शियली कॉमप्लिएंट’ उन राज्यों का है, जिन्होंने आंशिक रूप से इस संशोधित संविधान का पालन किया है।

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दूसरे वर्ग-‘सब्सटेन्शियली कॉमप्लिएंट’ में वे राज्य शामिल हैं, जो काफी हद तक इसका पालन कर रहे हैं। हालांकि, इनमें से कोई राज्य ऐसा नहीं है, जो पूर्ण रूप से बीसीसीआई द्वारा लोढा समिति की सिफारिशों से तैयार नए संशोधित सविधान करता हो।

इसके तहत सीओए ने सात राज्यों को चेतावनी देते हुए नए संविधान के पालन का आदेश दिया है और ऐसा नहीं करने पर उनके वोटिंग अधिकारों को निलंबित करने की बात कही है।

सीओए का कहना है कि तय समय के तक अगर इन राज्यों का रवैया ऐसा ही रहा, तो बीसीसीआई के चुनावों में उनके वोटिंग अधिकारों को निलंबित कर दिया जाएगा।

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