खामोश हो गई आंखों देखा हाल सुनाने वाली आवाज, नहीं रहें कमेंटेटर जसदेव सिंह

नई दिल्ली लोकप्रिय भारतीय खेल कमेंटेटर जसदेव सिंह का मंगलवार को राजधानी दिल्ली में लंबी बीमार के बाद निधन हो गया। परिवार के एक सदस्य ने कहा कि उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और एक बेटी हैं।

जसदेव सिंह

पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित जसदेव 87 साल के थे। विश्व भर में अपनी आवाज का लोहा मनवाने वाले जसदेव के निधन पर खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट के जरिए शोक प्रकट किया।

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राठौड़ ने ट्वीट किया, “बेहद दुख के साथ यह कह रहा हूं कि जसदेव सिंह का निधन हो गया। हमारे सबसे बेहतरीन कमेंटेटरों में से एक।”

खेलमंत्री ने कहा, “आकाशवाणी और डीडी नेशनल के दिग्गज ने नौ ओलम्पिक, छह एशियाई खेलों और अनगिनत स्वतंत्रता तथा गणतंत्र दिवस पर कमेंट्री की है। उनके निधन से एक युग का समापन हो गया।”

जसदेव स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर आधिकारिक रूप से 1963 से सरकार द्वारा संचालित मीडिया दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के लिए कमेंट्री करते आ रहे थे।

उन्होंने 1955 में जयपुर में ऑल इंडिया रेडियो में काम करना शुरू किया और आठ साल बाद वह दिल्ली आ गए। करीब 35 साल तक उन्होंने दूरदर्शन में काम किया। 1985 में उन्हें पद्मश्री और 2008 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

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इतने वर्षो में अपने पेशेवर करियर में जसदेव ने नौ ओलम्पिक खेल, आठ हॉकी विश्व कप और छह एशियाई खेलों में कमेंट्री की। उन्हें इसके लिए ओलम्पिक खेलों के सबसे उच्च पुरस्कार ओलम्पिक ऑडर से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें आईओसी के पूर्व अध्यक्ष जुआन एंटोनियो ने दिया।

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