एशिया के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी पर्वत पर तिरंगा फहरा कर मौसमी ने जाहिर की अपनी ख़ुशी
नई दिल्ली। माउंट दामानंद शिखर पर पर अपने साथियों के साथ तिरंगा लहराने वाली पंश्चिम बंगाल की मौसमी खाटुआ अपने इसी उपलब्धि से काफी खुश हैं। मौसमी ने प्रमुख पर्वतारोही सत्यरूप सिद्धांत और भास्वती चटर्जी के साथ ईरान की सबसे ऊंची चोटी और संभावित रूप से सक्रिय ज्वालामुखी माउंट दामावंद पर इस महीने अपने देश का झंडा फहरा कर इतिहास रचा है।
मौसमी ने अपने बाकी साथियों के साथ 5610 मीटर की ऊंचाई वाले माउंट दामावंद शिखर की चढ़ाई इसी महीने के पहले सप्ताह में शुरू की थी। वह 10 सितंबर को 5610 मीटर की माउंट दामावंद की चोटी के शिखर पर पहुंची थीं।
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37 वर्षीय मौसमी बेंगलुरु में नौकरी शुरू करने के बाद बेंगलुरु माउंटनियरिंग क्लब से जुड़ी। सप्ताह के अंत में में वह पश्चिमी घाट पर ट्रैकिंग के लिए जाती हैं, लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह एशिया के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी पर्वत पर तिरंगा फहराएंगी। 2015 में ‘द एवरेस्ट’ फिल्म देखने के बाद उन्होंने पर्वतारोहण अभियान के लिए अपना मन बना लिया। अगले ही दिन उन्होंने हिमालय में जनस्कार रिवर ट्रैकिंग के लिए नामांकन कराया।
मौसमी ने अपनी इस उपलब्धि पर कहा, “मैं काफी उत्साहित और बेहद गौरान्वित महसूस कर रही हूं क्योंकि इससे मेरी मातृभूमि को सम्मान मिला है। उस प्रदेश का प्रतिनिधित्व करना, जहां की मैं निवासी हूं, मेरे लिए काफी खुशी की बात है।”
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उन्होंने कहा, “कुछ साल पहले तक पहाड़ पर चढ़ने का सपना काफी असंभव कार्य लग रहा था। एक तो लड़की होने के कारण और दूसरे अधिक उम्र होने के कारण यह मुझे नामुमकिन लग रहा है, लेकिन आखिर मुझे टीम में शामिल किया गया। मैं सत्या, भास्वती दी और कई दोस्तों की बेहद आभारी हूं, जिन्होंने मुझे हमेशा समर्थन दिया और मेरी जिंदगी को अपनी बुद्धिमत्ता से हमेशा समृद्ध किया।”
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