
लखनऊ। मथुरा में हुई हिंसा पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मंत्री शिवपाल यादव का इस्तीफा मांगा है। अमित शाह ने कहा कि सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजाक बना दिया है। शाह ने शिवपाल पर सचिवालय में बैठकर गुंडों को शह देने का आरोप भी लगाया।
अमित शाह ने यूपी सरकार को कोसा
शाह ने कानपुर में एक रैली कर मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर थोड़ी भी शर्म बची है तो शिवपाल से तुरंत इस्तीफा ले लेना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कानपुर में दावा किया कि 2017 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी। शाह यहां के डॉ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के भीमराव अंबेडकर सभागार में अनुसूचित मोर्चा की महारैली को संबोधित कर रहे थे।
अमित शाह ने यहां कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को जमकर कोसा। केंद्र को दलितों का विकास करने वाली पार्टी बताते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की योजनाएं दलितों और गरीबों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि उप्र में जब जब सपा की सरकार बनी है, तब तब दलितों का दमन हुआ है। बसपा अपने शासन काल में दलितों का उपयोग करती रही है और कांग्रेस ने अंबेडकर को ही संसद में जाने से रोका था। अब ये पार्टियां भाजपा को आइना दिखाने की बातें कर रहीं हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के सबसे अधिक दलित विधायक, सांसद और कार्यकर्ता हैं। यह इसलिए है कि भाजपा इनकी चिंता करती है। अब भाजपा की केंद्र सरकार दलितों को उद्यमी बनाने की ओर बढ़ रही है। अब एक दलित का बेटा नौकरी की तलाश करने की बजाय दूसरों को नौरी देगा। केंद्र की योजनाएं दलितों और गरीबों को समर्पित हैं।
शाह ने केंद्र सरकार की योजनाओं को सिलसिलेवार गिनाया और उन्हें दलितों के विकास व उत्थान से जोड़ा। जन-धन योजना, उज्जवला योजना आदि की चर्चा की और गरीबों के घर में आने वाले अच्छे दिनों की बातें कीं।
उप्र कानून व्यवस्था को घटिया करार देते हुए शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि दलित समाज आगे बढ़े और प्रदेश की सपा सरकार को उखाड़े फेंकने में सहयोग करे। महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। भाजपा के पक्ष में परिणाम आने पर लोग यह कहें कि उप्र की सरकार में सबसे अधिक योगदान दलितों का है।