
मोती सिर्फ रत्न ही नहीं नवरत्नों में शुमार है। यह चन्द्रमा का रत्न माना जाता है। इसका इस्तेमाल औषधि के रुप में भी किया जाता है। इसलिए चन्द्रमा की ही तरह इस रत्न का शांत, सुंदर और शीतल स्वभाव है। इस रत्न का सीधा असर व्यक्ति के मन और शरीर पर पड़ता है। इसलिए लोगों को लगता है कि कभी मोती नुकसान नहीं करता है जबकि मोती धीरे धीरे काफी नुकसान पहुंचाता है।
लाभ
मन की शांति के साथ तनाव को कम करता है
नींद को दुरुस्त करता है , डर दूर करता है
हार्मोन को संतुलित करता है
कभी कभी आर्थिक पक्ष को भी बहुत अच्छा कर देता है
इसे पहनने से धन की कभी कमी नहीं होती है
यह भी पढ़ें: आयुर्वेद से रोग ही नहीं मच्छरों से भी मिलती है मुक्ति
मोती किनके लिए है लाभदायक
अलग अलग लग्नों के अनुसार और अलग अलग तत्वों के अनुसार मोती पहनना शुभ होता है
मेष ,कर्क ,वृश्चिक और मीन लग्न के लिए मोती धारण करना उत्तम है
वृष ,मिथुन ,कन्या ,मकर और कुम्भ लग्न के लिए मोती धारण करना खतरनाक है
सिंह ,तुला और धनु लग्न में , विशेष दशाओं में मोती धारण कर सकते हैं
अत्यधिक भावुक लोगों और क्रोधी लोगों को मोती नहीं पहनना चाहिए
यह भी पढ़ें: ईयर बड्स की मदद से ऐसे सजाएं खुद को, चेहरा दिखेगा लॉलीपॉप
किस तरह मोती धारण करना चाहिए ?
मोती को हमेशा चांदी की धातु में ही धारण करना चाहिए
मोती को हमेशा कनिष्ठा अंगुली में ही धारण करना चाहिए
सोमवार की रात को ही मोती को धारण करना चाहिए
इसे पूर्णिमा को भी धारण कर सकते हैं
धारण करने के पूर्व इसे गंगाजल से धोकर, शिव जी को अर्पित करें
मोती के साथ पीला पुखराज और मूंगा ही धारण कर सकते हैं , अन्य रत्न नहीं