केजरीवाल की बढ़ी मुसीबत, विपक्ष ने लगाया गंभीर ये आरोप

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने गुरुवार को पुलिस से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के तीन मंत्रियों के खिलाफ जून में उप राज्यपाल के कार्यालय में ‘जबरदस्ती कब्जा जमाने के लिए’ मामला दर्ज करने का आग्रह किया।

केजरीवाल

केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन और गोपाल राय अपनी मांगों को मनवाने के लिए 11 जून से 19 जून तक उप राज्यपाल अनिल बैजल के आधिकारिक आवास-सह-कार्यालय राज निवास में धरने पर बैठ गए थे।

गुप्ता ने सिविल लाइंस के पुलिस उपायुक्त को लिखे पत्र में धरने की तुलना ‘आपराधिक साजिश’ और ‘जबरदस्ती कब्जा जमाने’ से की। उन्होंन कहा कि चारों मंत्री ‘अपने संवैधानिक कर्तव्य में लापरवाही बरतने के दोषी हैं, दिल्ली सरकार के शीर्ष पदस्थ होने के नाते वे इन कर्तव्यों को निभाने के लिए बाध्य थे।’

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गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा, “इस बात की निश्चिय ही जांच होनी चाहिए कि कैसे मुख्यमंत्री और उनके मंत्री पानी संकट, पर्यावरण संकट, मानसून से पहले नालों की सफाई जैसे सबसे जरूरी कर्तव्यों और जवाबदेही से दूर हो गए थे।”

उन्होंने कहा कि ‘अवैध और कपटपूर्ण धरना’ संवैधानिक अधिकारों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर हमला है।

गुप्ता ने कहा, “उप राज्यपाल संवैधानिक पद पर हैं। वह भारत के राष्ट्रपति का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनपर किया गया कोई भी हमला हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है।”

उन्होंने कहा, “उप राज्यपाल पर अपनी अवैध मांगों को मनवाने के लिए दबाव बनाना अवैध और अनाधिकृत है।”

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सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सचिवालय में केजरीवाल के कार्यालय के बाहर भाजपा के सदस्यों द्वारा धरना देने पर बुधवार को एफआईआर दर्ज करवाई। भाजपा के सदस्यों ने आप के सदस्यों के धरने के विरोध में यहां धरना दिया था।

इस धरने की अगुवाई भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा और आप के निलंबित विधायक कपिल मिश्रा ने की थी।

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