ताजनगरी को प्रदूषण और कूड़ा से नहीं मिल रही मुक्ति, विदेशी पर्यटक खींच रहे कचरे की फोटो

धर्मेन्द्र सिंह

लखनऊ। आज विश्व पर्यावरण दिवस है। इस मौके पर ताजनगरी को प्रदूषण से मुक्ति के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने कई गोष्ठियां भी आयोजित की गई। वहीँ टीटीजेड  श्रेणी में आने के बाद भी शहर का हाल बुरा है।

ताज महल

ताजमहल और आसपास के चार क्षेत्रों की हवा अब सांस ले लेने लायक नहीं बची है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के आधार पर ताजमहल, रामबाग नुनिहाई ज्यादा खतरनाक स्थिति में है। इसी वजह से शहर में दमा और सांस के रोगियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।

आगरा में 2 दिन पहले ही ताज के आसपास पर्यावरण को लेकर केंद्रीय पर्यटन मंत्री द्वारा एक अभियान की शुरुआत भी की गई। साथ ही ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने की बात भी की गई।

लेकिन यह महज अभियान कुछ देर के लिए ही था। जबकि हकीकत यह है कि ताजमहल के पीछे ही 200 मीटर के दायरे में यमुना नदी के किनारे नाले भी गिरते हैं। और प्लास्टिक का बड़ा कचरा फैला हुआ है।

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आगरा किले के पास भी कूड़े का एक बड़ा पहाड़ सा जमा हो गया है, जिसको लेकर ना तो अधिकारी चिंतित हैं। जबकि विदेशी पर्यटक इस कूड़े के ढेर की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।

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केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के आंकड़ों के हिसाब से ताजमहल, एतमाउददौला ,रामबाग और नुनीआई क्षेत्र में पीएम 10 और एसपीएम से लेकर so2 के आंकड़ों में इजाफा है, जिसके कारण इस क्षेत्र में लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतें आ रही हैं।

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