
रियाद। अमेरिका के नव नियुक्त विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने रविवार को संकेत दिया कि अमेरिका 2015 के ईरान परमाणु समझौते से हट सकता है। पोंपियो यहां आधिकारिक दौरे पर आए हैं। पोंपियो ने कहा कि समझौता ईरान को ‘नरम’ करने में विफल रहा है और अगर अमेरिका इसे ज्यादा ‘अनुकूल शर्तो पर समायोजित करने’ में असमर्थ होता है तो वह परमाणु समझौते से बाहर निकल जाएगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने सऊदी विदेश मंत्री अदेल अल-जुबेर के साथ प्रेस से संक्षिप्त वार्ता की और ईरान पर आतंकवाद व यमन में हौथी विद्रोहियों का समर्थन करने का आरोप लगाया। पोंपियो अपने मध्य पूर्व दौरे के पहले चरण में सऊदी अरब के दौरे पर हैं।
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समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सऊदी प्रेस एजेंसी के हवाले से कहा कि पोंपियो का स्वागत शनिवार की शाम को किंग खालिद इंटरनेशनल हवाईअड्डे पर अदेल अल जुबेर ने किया।अमेरिका में सऊदी अरब के राजदूत प्रिंस खालिद बिन सलमान भी हवाईअड्डे पर मौजूद थे।
पोंपियो इजरायल की भी यात्रा करेंगे जहां वह प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ वार्ता करेंगे। जार्डन में वह किंग अब्दुल्ला से मिलेंगे। अमेरिका के 70वें विदेश मंत्री के रूप में शपथ लेने के सिर्फ दो दिन बाद पोंपियो के शुरू हुए दौरे में जेरूसलम व अम्मान शामिल हैं।
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ईरान परमाणु समझौते पर चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस व ब्रिटेन व अमेरिका के साथ-साथ यूरोपीय संघ के हस्ताक्षर हुए हैं। इसमें ईरान ने आर्थिक प्रतिबंधों को उठाने के बदले परमाणु कार्यक्रम को रोकने की प्रतिबद्धता जताई है।
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