मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में आ गया फैसला, असीमानंद समेत सभी आरोपी बरी
नई दिल्ली: साल 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट से जुड़े मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने असीमानंद समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. इस विस्फोट में 9 लोग मारे गए थे.
18 मई 2007 को जुमे की नमाज के दौरान ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट में 58 लोग घायल भी हुए थे. जिसके बाद इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सीबीआई को लगाया गया था.
इस मामले में सीबीआई ने एक आरोपपत्र दाखिल किया. इसके बाद साल 2011 में सीबीआई से यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास ट्रांसफर हुआ था. इस धमाके में स्वामी असीमानंद समेत कुल 10 लोगों पर आरोप लगा था जिनमें एक आरोपी की मौत हो चुकी है.
स्वामी असीमानंद ने 2011 में मजिस्ट्रेट को दिए इकबालिया बयान में स्वीकार किया था कि अजमेर दरगाह, हैदराबाद की मक्का मस्जिद और कई अन्य जगहों पर हुए बम ब्लास्ट में उनका और कई अन्य हिंदू चरमपंथी संगठनों का हाथ है. हालांकि बाद में असीमानंद अपने बयान से पलट गए और कहा कि उन्होंने पिछला बयान NIA के दबाव में दिया था.
ये थे 10 आरोपी
- स्वामी असीमानंद
- देवेंदर गुप्ता
- लोकेश शर्मा (अजय तिवारी)
- लक्ष्मण दास महाराज
- मोहनलाल रातेश्वर
- राजेंदर चौधरी
- भारत मोहनलाल रातेश्वर
- रामचंद्र कलसांगरा (फरार)
- संदीप डांगे (फरार)
- सुनील जोशी (मृत)
NIA को इस केस की जांच में काफी मुश्कलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि 64 गवाह कोर्ट के सामने मुकर गए, जिनमें लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित और झारखंड के मंत्री रणधीर कुमार सिंह भी शामिल हैं.