इस मंत्र के जाप से शांत होंगे नौ ग्रह, दूर हो जाएंगे जीवन के कष्ट

हिंदू धर्म में मनुष्य के जीवन की समस्याओं का समाधान अक्सर कुंडली से जुड़ा होता है. कुंडली के ग्रहों में इन समस्याओं से छुटकारा पाने के उपाय भी छुपे होते हैं. ग्रहों के बिगड़ने का संबंध पूर्वजन्म के कर्मो को भी माना जाता है. लेकिन एक ऐसा मंत्र है, जिसके उच्चारण से ग्रहों को शांत किया जा सकता है.

ग्रहों के बिगड़ने

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के आंकलन के द्वारा ही लोगों के जीवन के बारे में बताते हैं. किसी मोड़ पर हार और जीत होगी. अगर ग्रहों का आंकलन सही हुआ है तो जीवन की सभी घटनाओं का खुलासा होगा.

एक ऐसा मंत्र है, जो सभी नौ ग्रहों के दुष्प्रभाव को रोकने में कारगर सिद्ध हो सकता है. ये मंत्र इस प्रकार है.

ॐ ब्रह्मामुरारि त्रिपुरान्तकारी भानु: राशि भूमि सुतो बुध च। गुरु च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वेग्रहा: शान्ति करा: भवन्तु।।

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ये मंत्र नौ ग्रहों को नियंत्रित कर उनके दुष्प्रभाव को रोक सकता है. यह आपको शुभ फल देने वाला मंत्र है. इसके उच्चारण का तरीका और विधि पूरी तरह सही हो.

मंत्र का जाप करते समय इन खास बातों का ध्यान जरूरी है. इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके बाद सर्वप्रथम नवग्रहों की पूजा आरंभ करें.

नवग्रह की मूर्ति के सामने आसन लगाकर बैठ जाएं और रुद्राक्ष माला की सहायता से इस मंत्र की 5 माला पूर्ण करें.

जब तक यह उच्चारण पूर्ण ना हो तब तक उठना नहीं चाहिए, अगर आप किसी कारणवश उठ भी जाते हैं तो मंत्र भंग नहीं होगा. लेकिन इसका प्रभाव थोड़ा सीमित हो जाता है.

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