
देहरादून। सूबे की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक मुख्य बदलाव करने का फैसला लिया है। अब प्रदेश में पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर सभी सरकारी और सहायताप्राप्त स्कूल में कक्षा एक से बारहवीं तक यूनिट टेस्ट जरुरी होगा।
सरकार के इस फैसले साथ-साथ एक ओर खास बात ये है कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव इस यूनिट टेस्ट की समीक्षा करेंगे। सरकार ने कहा है कि शिक्षा विभाग हर महीने इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।
शिक्षा की गुणवत्ता को सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल करते हुए मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
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सरकार के आदेश के बाद अब सरकारी और सहायताप्राप्त विद्यालयों में शिक्षक के यूनिट टेस्ट लेना जरुरी होगा। सरकार का कहना है कि प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ये फैसला लिया जा रहा है।
कार्ययोजना को सख्ती से लागू करने के लिए मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को हिदायत जारी कर दी है। मुख्य सचिव का कहना है कि यूनिट टेस्ट के आयोजन से लेकर उसकी नियमित रिपोर्ट शासन को भेजने के लिए जिलाधिकारी जवाबदेह होंगे।
गौरतलब है कि छात्र-छात्राओं के यूनिट टेस्ट को लेकर सरकार काफी गंभीर हैं। जिसके चलते मुख्यमंत्री डैशबोर्ड में की परफॉरमेंस इंडीकेटर में यह परीक्षा भी अंकित है। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को परीक्षाफल प्रत्येक माह की सात तारीख तक उनके स्तर पर प्राप्त करने और दस तारीख तक शिक्षा निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए हैं।
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बता दें आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह परीक्षा हर महीने के अंतिम हफ्ते के सोमवार और मंगलवार को होगी। निर्धारित तिथि को सार्वजनिक अवकाश होने की स्थिति में इससे पहले कार्यदिवस में इसे आयोजित किया जाएगा।
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