क्रिप्टो करंसी को समाप्त करने के बजाए विनियमित करें जेटली : उद्योग जगत
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आभासी मुद्राओं को अवैध घोषित किए जाने और इसके अवैध लेन देन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के कदम पर उद्योग विशेषज्ञों ने उनसे क्रिप्टो करंसियों पर रोक लगाने के बजाए इसे विनियमित करने का आग्रह किया है। जेटली ने संसद में अपने बजट भाषण में कहा, “क्रिप्टो करंसियां वैध नहीं हैं और सरकार इनके प्रयोग को बढ़ावा नहीं देती। हालांकि सरकार ब्लॉकचेन (क्रिप्टो करंसी का समर्थन करने वाली एक डिजिटल तकनीक) के प्रयोग पर विचार करेगी।”
ई-वॉलेट मोबीक्विक के सह-संस्थापक बिपिन प्रीत सिंह ने कहा, “सरकार को चाहिए की वह क्रिप्टो करंसियों पर नियमन रखे न कि उसके प्रयोग पर पूर्णतया रोक लगाए।”
देश में न ही सरकार ने और न ही भारतीय रिजर्व बैंक ने किसी आभासी मुद्रा को लेन देन के माध्यम के रूप में मान्यता दी है लेकिन दूसरे देशों की तरह भारत में इस तरह की आभासी मुद्राओं का चलन काफी तेजी से बढ़ा है।
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एक दिग्गज कानून कंपनी खैतान एंड को एसोसिएट पार्टनर रश्मि देशपांडे ने कहा, “क्रिप्टो करंसी पर हुई घोषणा का गलत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। सरकार का मकसद इसके प्रचलन पर नियंत्रण लगाने का है ताकि अवैध लेन देन में इसके प्रयोग से बचा जा सके।”
देशपांडे ने कहा, “इसके अतिरिक्त सरकार ने ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी की व्यावहारिकता को मान्यता दी है जो क्रिप्टो करंसी को मजबूती देगा।”
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गार्टनर के अनुसंधान निदेशक डी.डी. मिश्रा ने कहा कि क्रिप्टो करंसी पर लगाम लगाने के बजाए उन्हें इसे नियंत्रित करना चाहिए ताकि ब्लॉकचेन के जरिए पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव और जोखिमों को नियंत्रित किया जा सके।