
काबुल। गृह युद्ध की आग में झुलसे अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आत्मघाती हमले में मरने वालों की संख्या बढ़ गई है। अब तक हमले में 102 लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 लोग घायल हो गए। घायलों और मरने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो सकता है। यह हमला गृह मंत्रालय की इमारत को निशाना बनाकर किया गया है। हमलावर ने विस्फोटक से भरी एंबुलेंस को गृह मंत्रालय की पुरानी इमारत के पास उड़ा दिया।
भारत ने काबुल में हुए इस हमले की कड़ी निंदा की है। साथ ही अफगानिस्तान को हर संभव मदद का भरोसा दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संकट की घड़ी में भारत अफगानिस्तान के साथ खड़ा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी काबुल आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत अफगानिस्तान सरकार और वहां की जनता के साथ खड़ा है।
काबुल स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि यहां सभी भारतीय सुरक्षित हैं। टोलो न्यूज के गृह मंत्रालय के हवाले से बताया कि आत्मघाती हमलावर ने गृह मंत्रालय की पुरानी इमारत नजदीक दो चेकपोस्ट के बीच में विस्फोट से भरी एंबुलेंस को उड़ा दिया।
अधिकारियों के मुताबिक इस फिदायीन हमले में जान गंवाने वाले ज्यादातर आम नागरिक हैं। इसमें गृह मंत्रालय की इमारत को भी काफी नुकसान पहुंचा है। जहां पर यह धमाका हुआ, उससे कुछ ही दूरी पर कई देशों के दूतावास भी हैं।
वहीं, हमले में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन तालिबान ने ली है। अफगानिस्तान में आपातकालीन मदद पहुंचाने वाले इतालवी समूह के समन्वयक ने इस घटना को नरसंहार करार दिया है। इस समूह का घटनास्थल के पास ही ट्रॉमा हॉस्पिटल है। समूह ने ट्वीट कर बताया कि उनके हॉस्पिटल में 50 से ज्यादा घायल लोगों को भर्ती कराया गया है।