क्या आपने देखा है एक लाख रुपये का नोट, जिसमें गांधी नहीं नेताजी थे
नई दिल्ली। आपने बाजार में कई तरह के नोट देखें होंगे। लेकिन क्या आपने कभी एक लाख रुपये का नोट देखा है? क्या कभी इसके बारे में सुना भी है? एक बार देश में एक लाख रुपये का नोट छप चुका है। यह एक मात्र ऐसा नोट था जिसमें गांधी जी की नहीं बल्कि सुभाष चंद्र बोस की फोटो छपी थी। जानिए एक लाख रुपए के नोट से जुड़ी कुछ बातें-
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद सरकार के जमाने में एक लाख रुपये का नोट आ चुका था। इस बात की जानकारी नेताजी के चालक रहे कर्नल निजामुद्दीन ने एक बार एक इंटरव्यू में दिया था। एक लाख रुपये का नोट जारी करने वाले आजाद हिंद बैंक को तब के दस देशों का समर्थन प्राप्त था।
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1943 में आजाद हिंद बैंक की स्थापना की गई थी। आजाद हिंद सरकार व फौज को समर्थन देने वाले दस देशों वर्मा, क्रोसिया, जर्मनी, नानकिंग (वर्तमान में चीन), मंचूको, इटली, थाईलैंड, फिलीपिंस व आयरलैंड ने बैंक की करेंसी को भी मान्यता दी थी।
बैंक की ओर से दस रुपये के सिक्के से लेकर एक लाख रुपये के नोट तक जारी किए गए थे। आजाद हिंद बैंक की ओर से जारी 5000 के नोट की ही जानकारी सार्वजनिक थी, पांच हजार का एक नोट बीएचयू के भारत कला भवन में भी सुरक्षित रखा है, जबकि हाल में एक लाख के नोट की तस्वीर नेताजी की प्रपौत्री राज्यश्री चौधरी ने विशाल भारत संस्थान को उपलब्ध कराया था।
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नेताजी के बॉडीगार्ड रहे कर्नल निजामुद्दीन को 17 रुपए तनख्वाह मिलती थी। वहीं, आजाद हिंद फौज के लेफ्टिनेंट की सैलरी 80 रुपए महीने थी। बर्मा में तैनात अफसरों को 230 रुपए तक तनख्वाह मिलती थी नेताजी ने आजाद हिंद फौज का खुफिया विभाग भी बनाया था। इसमें कम ही लोग थे। इसका नेटवर्क कुछ महीनों में ही भारत के कोने-कोने में फैल गया था।
साभार: NEWS 18