मुस्लिमों को दी जाने वाली हज सब्सिडी जानिए अब सरकार कहां करेगी खर्च

हज सब्सिडीनई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने वार्षिक हज यात्रा में हजारों मुस्लिमों को दी जाने वाली हज सब्सिडी को वापस लेने का फैसला किया है।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि यह सरकार के अल्पसंख्यकों के बिना तुष्टिकरण किए उन्हें सशक्त बनाने के एजेंडे के अनुरूप है।

केंद्र के द्वारा गठित समिति ने प्रस्तावित हज पॉलिसी के नियम में बदलाव करने का सुझाव तैयार किया है, जिसमे 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को दी जाने वाली सब्सिडी ख़त्म कर दी हैं। अब नियम में बदलाव करते हुए उन्हें पुरुष सदस्यों के कम से कम चार जत्थों के साथ यात्रा की अनुमति दी जाएगी।

पूर्व सचिव अफजल अमानुल्ला की अध्यक्षता वाली समिति ने हज पॉलिसी 2018-22 का खाका तैयार कर सरकार को सुझाव दिया है। वहीं इस बार 1.75 लाख जायरीन हज यात्रा पर मक्का जाएंगे जो कि अबतक की सबसे बड़ी संख्या है।

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अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि हर साल सरकार की तरफ से हज सब्सिडी के रूप में 700 करोड़ रुपए की राशि दी जाती थी।

अब हज सब्सिडी से बचने वाली राशि मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी।

इस साल से भारत के हज यात्रियों की संख्या 1,75,025 हो जाएगी।

मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे एक एतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि आजादी के बाद कभी इस तरह का कोटा नहीं बढ़ाया गया है।

गौरतलब है कि इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इसे 2022 तक पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए। इसे लेकर केंद्र सरकार ने भी 2018 से हज सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह ख़त्म करने की बात कही थी। जिसको अब मोदी सरकार लागू भी करने जा रही है।

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