
भोलेनाथ के भक्त पूरी दुनिया में हैं. भगवान शिव जितने भोले और आसानी से प्रसन्न होने वाले हैं, उनका गुस्सा भी उतना ही प्रलयंकारी है. शिव पुराण में कई बातों का उल्लेख किया गया है, जो किसी को भी पाप का भागीदार होने से बचा सकती है. शिव पुराण में कार्य, बात-व्यवहार और सोच द्वारा किए गए 12 पाप के बारे में बताया गया है, जिसे भगवान शिव कभी क्षमा नहीं करते.
सोच से किए पाप
कई बार सुना होगा कि भगवान से कुछ नहीं छुप सकता, जो इंसान सोच रहा है, उसके बारे में भी पता चल जाता है. भले ही बात और व्यवहार में आपने किसी को नुकसान ना पहुंचाया हो. लेकिन अगर मन में किसी के प्रति कोई दुर्भावना है या आपने किसी का अहित सोचा हो तो यह भी पाप की श्रेणी में आता है.
दूसरों के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखना, या उसे पाने की इच्छा करना भी पाप की श्रेणी में रखा गया है.
दूसरों का धन अपना बनाने की चाह रखना भी भगवान शिव की नजर में अपराध है.
किसी इंसान को कष्ट देना, उसे नुकसान पहुंचाने या धन-संपत्ति लूटने, उसके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना या ऐसी सोच रखना भगवान शिव की नजरों में माफी ना देने योग्य पाप है.
बोली के द्वारा किए पाप
भले ही कार्य से किसी का बुरा ना किया हो. लेकिन आपकी बोली अक्षम्य पापों का हकदार भी बना सकती है.
किसी गर्भवती महिला या मासिक के दौरान किसी महिला को कटु वचन कहना या अपनी बातों से उनका दिल दुखाना.
किसी के सम्मान को हानि पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना ‘छल’ की श्रेणी में आता है.
समाज में किसी के मान-सम्मान को हानि पहुंचाने की नीयत से या उसकी पीठ पीछे बातें करना या अफवाह फैलाना भी एक अक्षम्य पाप है.
जीवन में किए गए ये 5 पाप
गलत तरीके से दूसरे की संपत्ति हड़पना, ब्राह्मण या मंदिर की चीजें चुराना या गलत तरीके से हथियाना.
गुरु, माता-पिता, पत्नी या पूर्वजों का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
शराब पीना, गुरु की पत्नी के साथ संबंध बनाना, दान की हुई चीजें या धन वापस लेना.
धर्म अनुसार मना की गई चीजें खाना या धर्म के विपरीत कार्य करना.
बच्चों, महिलाओं या किसी भी कमजोर जीव के खिलाफ हिंसा और असामाजिक कार्यों में लिप्तता मनुष्य को पाप का दोषी बनाता है.