अंतरिक्ष में इंसान की जगह लेंगे रोबोट, परखेंगे सैटेलाइट की फिटनेस

रोबोटिक प्रौद्योगिकीन्यूयॉर्क: अमेरिकी सरकार की इकाई डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (डार्पा) और नासा ने रोबोटिक प्रौद्योगिकी का निर्माण करने के लिए गठजोड़ किया है। इसके जरिए वह अनुकूल उपग्रहों में दोबारा ईंधन भरने और उनकी मरम्मत संबंधी कार्य कर सकते हैं। इन रोबोटिक उपग्रहों को सर्विस स्टेशन इन ऑर्बिट नाम दिया गया है। ये न केवल उपग्रहों में दोबारा से ईंधन भरेंगे, बल्कि उनकी दीघार्यु और जीवन काल को भी काफी बेहतर बनाएंगे।

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फ्यूचरिज्म की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोबोट छोटे रखरखाव से संबंधित मुद्दों को ठीक कर सकता है। इसके साथ वे वर्तमान ऑर्बिटर्स को बनाए रखने के रूप में काम करते हैं और नुकसान को बनाए रख सकते हैं। एजेंसियों ने यह भी आशा जताई है कि अंतरिक्ष प्रदूषण कहे जाने वाले मलबे को कक्षा में साफ किया जाएगा, जो अंतरिक्ष में छोड़े गए उपग्रहों के कारण फैलता है।

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2015 में, मानव मुट्ठी से बड़ी करीब 25,000 मानव-निर्मित वस्तुएं और धरती की परिक्रमा कर रहा डाईम से बड़ी पांच लाख वस्तुएं अंतरिक्ष में फैली हुई थीं। इसके अतिरिक्त, इन उपग्रहों को कक्षा में मैकेनिकल शत्रुओं के खिलाफ सामना करना पड़ सकता है, जिसका अर्थ यह है कि युद्ध की स्थिति में शत्रु उपग्रहों को तोड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका प्रयोग रक्षा क्षेत्र, छेड़छाड़ पर निगरानी में किया जा सकता है।

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