
घर बनवाते समय जाने अनजाने ऐसी गलती हो जाती है जिससे घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। वास्तु दोष का असर कम करने के लिए वास्तु में कई उपाय बताए गए हैं। वास्तु दोष दूर करने के लिए इन 8 मंत्रों का नियमित जप करें।
उत्तर दिशा के लिए मंत्र:-
ऊँ बुधाय नमः या ऊँ कुबेराय नमः
आर्थिक समस्याओं में कुबेर मंत्र का जप अधिक लाभकारी होता है।
वायव्य दिशा के लिए मंत्र (उत्तर-पश्चिम):-
ऊँ चन्द्रमसे नमः
इन मंत्रो का जप करने से शारीरिक परेशानियों से भी बचा जा सकता है
दक्षिण दिशा के लिए मंत्र:-
ऊँ अं अंगारकाय नमः
मंत्र के पाठ से मनुष्य को अपने जाने-अनजाने किए गए पापों से भी छुटकारा मिलता है।
आग्नेय दिशा के लिए मंत्र (दक्षिण-पूर्व):-
ऊँ शुं शुक्राय नमः
इस मंत्र का जप करने से सफलता और नौकरी में तरक्की प्राप्त होती है।
पूर्व दिशा के लिए मंत्र:-
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
इस मंत्र के जप से मनुष्य को मान-सम्मान एवं यश की प्राप्ति होती है।
ईशान दिशा के लिए मंत्र (पूर्व-उत्तर):-
सेऊँ बृं बृहस्पतये नमः
इस दिशा के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जप किया जाता है।
पश्चिम दिशा मंत्र:-
ऊँ शं शनैश्चराय नमः
पश्चिम दिशा के स्वामी ग्रह शनि और देवता वरूण हैं। इस दिशा में वास्तु दोष होने पर इस मंत्र का नियमित जप करें।
नैऋत्य दिशा मंत्र (दक्षिण-पश्चिम):-
ऊँ रां राहवे नमः
नैऋत्य दिशा के स्वामी राहु ग्रह हैं और देवता नैऋत हैं। इस दोष को दूर करने के लिए इस मंत्र का नियमित जप करें।