
नई दिल्ली। गरीबों को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने एक बड़ा फरमान सुनाया। इससे लोगों को घर खर्च में काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। दरअसल सरकार ने अपने उस फैसले को वापस ले लिया है, जिसके तहत पेट्रोलियम कंपनियों को एलपीजी सिलिंडर की कीमतों में हर महीने बढ़ोत्तरी का निर्देश दिया गया था। संभावना है कि महंगाई की मार झेल रहे लोगों का दर्द इस कदम से काफी हद तक कम हो सकता है।
वहीं हर महीने रसोई गैस सिलिंडर के दाम बढ़ाना सरकार की गरीबों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना ‘उज्ज्वला’ के भी उलट बैठता है। यह भी बताया जा रहा है कि इसके पीछे सरकार का मकसद एलपीजी पर दी जाने वाली सब्सिडी को अंतत: समाप्त करना था।
लोकसभा में बहस और वोटिंग के बाद तीन तलाक बिल पारित, ओवैसी के सुझाए संशोधन खारिज
खबरों के मुताबिक़, इस आदेश को अक्टूबर में वापस ले लिया गया है। इसी के चलते इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (एचपीसीएल) ने अक्टूबर से एलपीजी के दाम नहीं बढ़ाए हैं।
इससे पहले तक पेट्रोलियम कंपनियों को 1 जुलाई, 2016 से हर महीने 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलिंडर के दाम दो रुपये (वैट शामिल नहीं) बढ़ाने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद पेट्रोलियम कंपनियों ने 10 मौकों पर एलपीजी के दाम बढ़ाए थे।
बता दें प्रत्येक परिवार को एक साल में 12 सब्सिडी वाले सिलिंडर मिलते हैं। इससे अधिक की जरूरत होने पर बाजार मूल्य पर सिलिंडर मिलता है।
30 मई, 2017 को एलपीजी कीमतों में मासिक वृद्धि को बढ़ाकर दोगुना यानी चार रुपये कर दिया गया। पेट्रोलियम कंपनियों को 1 जून, 2017 से हर महीने एलपीजी कीमतों में चार रुपये वृद्धि का अधिकार दिया गया।
तिब्बती फिल्म निर्माता ने चीन से भागकर ली अमेरिका में शरण
इस मूल्यवृद्धि का मकसद घरेलू सिलिंडर पर दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी को शून्य पर लाना था। यह काम मार्च, 2018 तक किया जाना था।
जानकारी के मुताबिक़ यह आदेश सरकार की उज्ज्वला योजना के उलट संकेत दे रहा था। एक तरफ सरकार गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दे रही है वहीं दूसरी ओर हर महीने सिलिंडर के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। इसमें सुधार के लिए यह आदेश वापस ले लिया गया है।
देखें वीडियो :-