
नई दिल्ली। भारत में क्रिकेट कितना लोकप्रिय है, यह बात किसी से छुपी नहीं है। मैच शुरू होते ही सारे काम-काज छोड़कर सभी टीवी के सामने बैठ जाते हैं। इस खेल का एक और प्रारूप ‘आईपीएल’ (इंडियन प्रीमियर लीग) का बुखार भी लोगों के सर चढ़ कर बोलता है। इस खेल के प्रति लोगों की दिलचस्पी देखते ही बनती है। वो चाहे उम्र के किसी भी पड़ाव में क्यों न हो। अगर सरल भाषा में कहें तो भारत में क्रिकेट भी किसी रिलीजन से कम नहीं आंका जाता।
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भारत में इस खेल की पॉपुलैरिटी को देखते हुए मोदी सरकार भी एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। देश के भीतर खेलों की दुनिया में कामयाबी की नई अध्याय लिखने वाले आईपीएल के नए सीजन में कई बदलाव होने वाले हैं।
बीसीसीआई इसके प्रसारण के वक्त और खिलाड़ियों के ट्रांसफर को लेकर कुछ बदलाव लाने पर विचार कर रही है लेकिन इसमें एक बदलाव ऐसा भी हो सकता है जो ना तो बीसीसीआई को रास आने वाला है और ना ही इसके प्रसारण कर्ता स्टार इंडिया को।
खबर है कि अगर भारत सरकार को अपने इरादों में कामयाबी मिलती है तो फिर अगले सीजन से आईपीएल का प्रसारण सरकारी चैनल यानी दूरदर्शन पर भी हो सकता है।
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खबरों के मुताबिक केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रीलय ने खेल मंत्रालय को ऐसा प्रस्ताव तैयार करने को कहा जिससे आईपीएल को राष्ट्रीय महत्व का खेल घोषित करके इसका प्रसारण दूरदर्शन पर भी किया जा सके।
हालांकि इस बाबत अभी तक कोई आदेश पारित नहीं किया गया है। लेकिन अगर वाकई में ऐसा होता तो फिर यह स्टार इंडिया के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा।
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बता दें स्टार इंडिया ने बीते सितंबर ही 16,347.50 करोड़ रुपए की भारीभरकम कीमत में 2018 से अगले पांच साल के लिए आईपीएल के ग्लोबल ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल राइट्स खरीदे हैं।
ऐसे में अगर ये सारी चीज़ें होती हैं तो फिर स्टार इंडिया को स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टिंग सिग्नल्स एक्ट 2007 के तहत अपना विज्ञापन रेवेन्यू का 25 फीसदी हिस्सा प्रसार भारती से साथ साझा करना पड़ेगा जोकि उसके लिए बहुत बड़ा झटका होगा।