
लखनऊ। वाराणसी दौरे के दौरान सीएम आदित्यनाथ ने तमाम बातों को सार्वजनिक तौर पर जनता से साझा किया। योगी ने रामनगर के डोमरी में आयोजित मुरारी बापू की रामकथा में शिरकत करने के दौरान कहा कि राम के बगैर भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है।
योगी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘काशी का राम से बेहद करीबी संबंध है। तुलसीदास ने इसी नगरी को अपने ज्ञान से प्रकाशित किया था। तुलसी और रामचरित मानस का काशी नगरी से आत्मीय संबंध हैं।
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सीएम योगी ने कहा कि ‘अयोध्या ने पूरे देश को सबसे अहम त्योहार दीपावली को दिया है। अयोध्या के कारण ही हम पूरे देश में दीपावली का उत्सव मनाया जाता है। इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार के सामने अयोध्या में दीपावली का आयोजन एक बड़ी चुनौती थी। सरकार के इस आयोजन में शामिल होने के कारण उसपर साम्प्रदायिकता का आरोप लगाया जा रहा है। जबकि हमारी सरकार सांप्रदायिकता के कलंक से मिटने के लिए काम कर रही है और करती रहेगी। यही हमारी सरकार हर विरोध के बावजूद अयोध्या में दीपावली उत्सव का आयोजन करती रहेगी।
रामलीला के संबंध में योगी ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने इंडोनेशिया और श्रीलंका के कलाकारों को यहां लीला का मंचन करने के लिए बुलाया था।इंडोनेशिया से आए सभी पात्र मुस्लिम थे। योगी के अनुसार जब उन्होंने इन पात्रों से मुलाकात के दौरान इस मसले पर चर्चा की तो इन पात्रों का कहना था कि इस्लाम हमारी उपासना विधि है और राम हमारे पूर्वज।उपासना का तरीका बदलने से हमारे पूर्वज नहीं बदलते। रामलीला का आयोजन हम उसी श्रद्धाभाव से करते हैं जैसे आप लोग करते हैं।