हॉस्पिटल में औरतों की डिलीवरी का वीडियो हो रहा वायरल, नजारा देखकर शर्म से झुक जाएगा सिर

अहमदाबाद। ये खबर भले ही देश के पश्चिम हिस्से में बसे अहमदाबाद से हो लेकिन यहां उत्तर भारत में कई हिस्सों में कही जाने वाली कहावत एकदम सटीक बैठती है। ‘मजबूरी का नाम महात्मा गांधी’, मतलब गरीब मजूर होता है और सब सहते हुए बढ़ता है, ठीक वैसे ही जैसे गांधी जी ने ‘गुलाम भारत’ में रहते हुए आजादी के लिए सबकुछ बर्दाश्त किया। गुजरात से जो खबर जो शर्मनाक खबर सामने आई है, उस पर शायद इसके अलावा कोई और कहावत फिट बैठ ही नहीं सकती। यहां के एक अस्पताल का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें गरीब का मजाक उड़ता और कर्मचारियों की बेशर्मी दिख रही है।

महिलाओं की डिलीवरी

अस्पलात के लेबर रूम, जिसमें महिलाओं की डिलीवरी होती है, का वीडियो देखकर हर किसी का सर शर्म से झुक जाएगा। यहां एक औरत मां तो बन जाती है, लेकिन शर्मिंदगी से। औरत से शरीर ढकने के लिए भले ही उस पर हम कितने भी नियम लाद दें लेकिन इस अस्पलात में महिलाओं की डिलीवरी के समय नियम तो छोडिए शर्म और हया तक ताक पर ऱख दी जाती है। महिलाओं की डिलीवरी के समय शरीर नग्न हालत में हर शख्स नजरों से होकर गुजरता है, चाहे कर्मचारी पुरुष ही क्यों न हो।

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सारा माजरा और कैमरे में कैद हुआ नजारा गुजरात के सर सयाजीराव जनरल हॉस्पिटल का है। SSG हॉस्पिटल के नाम से फेमस इस हॉस्पिटल में महिलाओं की डिलीवरी करवाई जाती है, डिलीवरी तो होती है लेकिन खुलेआम। प्राइवेसी भले ही धनाड्य लोगों को अस्पलात मुहैया करता हो लेकिन गरीबों का मजाक उससे भी अच्छे तरीके से उड़ता है।

जिस अस्पलात का जिक्र हम कर रहे हैं या यूं कहें कि बेशर्मी के ‘कसीदे’ पढ़ रहे हैं वो एक सरकारी अस्पताल है। मतलब गुजरात सरकार के अधीन। इसी गुजरात से हमारे पीएम मोदी साहब भी हैं, विकास और महिलाओं के सम्मान के मुद्दे पर तो सबको चित कर रखा है, लेकिन उनकी नजरें अपने घर से कैसे दूर रहीं, समझ से परे है।

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सरकारी अस्पलात होने के नाते यहां भर्ती होने वालों में गरीब तबके की औरतों की ही भरमार होती है क्योंकि फ्री में डिलीवरी होती है। डिलीवरी कभी भी हो सकती है इसलिए यहां औरतें बिना कपड़ों के आसपास के बेड पर लिटाई जाती हैं। आसपास से मर्द भी गुजरते हैं, लेकिन औरतों की गरिमा का किसी को ख़याल नहीं है। महिलाओं की डिलीवरी तो होती है लेकिन गंदगी और एक्सपीरियंस्ड डॉक्टर्स की भयंकर कमी के बीच। यहां इंटर्न्स ही डिलीवरी करवाते हैं।

ये स्टिंग वडोदरा के दिव्य भास्कर अख़बार के लिए काम करने वाली पत्रकार पूजा धोड़पकर ने किया है।

 

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