लड़की के सरेआम कपड़े उतारने की कोशिश के विरोध से जल उठा बीएचयू, लाठीचार्ज
वाराणसी। शनिवार की आधीरात को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर जंग का मैदान बन गया। यहां छेड़खानी के विरोध में सड़क पर उतरीं छात्राओं की अनसुनी करने और वीसी लाज पर पहुंचे कुछ छात्र-छात्राओं पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा लाठीचार्ज के बाद हालात काबू में करने के लिए परिसर में घुसी फोर्स को हास्टल के छात्रों का कड़ा विरोध झेलना पड़ा।
इस सुरक्षाकर्मियों ने हवाई फायरिंग व आंसू गैस दागने के साथ ही जवाबी पथराव भी किया। मगर हालात काबू में नहीं आए। मारपीट और पथराव के बीच दस बमों के धमाकों से दो-ढाई किलोमीटर का इलाका थर्रा उठा।
जानिए क्या है मामला
गुरुवार शाम को विभाग से हास्टल जा रही दृश्य कला संकाय की छात्रा संग भारत कला भवन के पास कुछ युवकों ने छेड़खानी के साथ कपड़े उतारने की कोशिश की थी। किसी तरह हास्टल पहुंची छात्रा के बताने पर त्रिवेणी हास्टल की छात्राएं रात में ही सड़क पर आ गईं।
लेकिन मनाने पर रात में वे शांत हो गई थीं, लेकिन शुक्रवार सुबह छह बजे ही त्रिवेणी हास्टल की छात्राओं ने सिंहद्वार पर आंदोलन शुरू कर दिया। उनका कहना था कि चंद मिनट के लिए आकर कुलपति समस्याएं सुन लेते तो वे धरना खत्म कर देतीं। बीएचयू प्रशासन की अनदेखी व संवेदनहीनता के चलते छात्राओं ने शुक्रवार की रात सड़क (सिंहद्वार) पर गुजारी।
सिंहद्वार पर बवाल
वाल के बीच सिंहद्वार पर शुक्रवार से ही धरनारत छात्राओं को पुलिस ने खदेड़कर बीएचयू परिसर के भीतर कर दिया। इसके बाद भी सिंहद्वार आधीरात के बाद कई बार छात्रों द्वारा घेरा गया।
सिंहद्वार के बाहर और भीतर की इस दोतरफा जंग में पुलिस की कमी बार-बार आड़े आ रही थी जिससे चाहकर भी फोर्स कार्रवाई नहीं कर पा रही थी। इस बीच अधिकारी के ऊपर भी पथराव किया गया।
इसके पूर्व परिसर में छेड़खानी के विरोध में सड़क पर उतरीं छात्राओं का आंदोलन दबाने के लिए दिन में विवि प्रशासन ने हरसंभव हथकंडे अपनाए, पर वे विफल रहे। कुछ छात्राएं धरना के साथ ही दोपहर में भूख हड़ताल पर बैठ गई थीं।
Boys were lathicharged but even girls were not spared. We were even given the choicest abuses: Protesting student #Varanasi pic.twitter.com/oZD1VHPj8M
— ANI UP (@ANINewsUP) September 24, 2017
मांग थी कि कुलपति मौके पर आकर उनकी बात व समस्याएं सुनें। जबकि प्रशासन का तर्क था कि कुलपति धरनास्थल पर नहीं जाएंगे। दोनों पक्षों की जिद के कारण बीएचयू का माहौल गरम बना रहा।
आक्रोशित विद्यार्थियों ने सिंहद्वार पर कुलपति का पुतला भी फूंका। हालांकि, देर शाम कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने त्रिवेणी हॉस्टल में धरना व आंदोलन से अलग हुई कुछ छात्राओं से मुलाकात कर सुरक्षा का भरोसा दिया। कुलपति का पहले एमएमवी में आंदोलित छात्राओं से वार्ता करने का कार्यक्रम था।