जानिए… आखिर क्यों इतना पवित्र है कुर्बानी का ये त्यौहार

बकरीदनई दिल्ली। आज देश भर में बकरीद धूम धाम से मनाई जाएगी। बकरीद, जिसे इस्लाम में एक पवित्र त्यौहार माना जाता है। बकरीद अपने कर्तव्य के लिए जागरूक रहने का सबक सिखाती है। ईद-उल-ज़ुहा या बकरीद का दिन फर्ज़-ए-कुर्बान का दिन होता हैं। आमतौर पर मुस्लिम समाज में बकरे को पाला जाता है और बकरीद के दिन अल्लाह के लिए कुर्बान कर दिया जाता हैं। जिसे फर्ज-ए-कुर्बान कहा जाता हैं।

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मुस्लिमों में ऐसी मान्यता है कि बकरीद के दिन किसी प्रिय चीज की अल्लाह के लिए कुर्बान करनी होती है। यही वजह है कि इस पर्व का इस्लाम में काफी ज्यादा महत्व है। इस्लमामिक कैलेंडर के मुताबिक, ईद-उल-जुहा यानी कि बकरीद 12वें महीने धू अल हिज्जा के दसवें दिन मनाई जाती है।

बकरीद क्यों मनाई जाती है…

इस्लाम के मुताबिक, अल्लाह ने हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए अपनी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी देने का हुक्म दिया। हजरत इब्राहिम को सबसे प्यारा उनका बेटा था इसलिए उन्होंने उसकी बलि देना स्वीकार किया। हजरत इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय वो भावुक ना हो जायें। इसके लिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी।

जब अपना काम पूरा करने के बाद पट्टी हटाई तो उन्होंने अपने पुत्र को अपने सामने जिन्‍दा खड़ा हुआ देखा। यही वजह है कि तब से अब तक कुर्बानी की प्रथा चलती आ रही है। हालांकि, इस मौके पर लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं।

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बकरीद के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग काफी कुछ दान देते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गरीबों को दान करने से भला होता है। इस दिन लोग सारे गिले-शिकवे को भुलाकर एक-दूसरे को ईद की बधाई देते हैं। घर पर नाना प्रकार के पकवान भी बनते हैं।

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