IRCTC की वेबसाइट हैक, डाटा चोरी होने की आशंका

मुम्बई। आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक कर लिया गया है। हालांकि आईआरसीटीसी ने हैकिंग की बात को नकार दिया है। आईआरसीटीसी ने कहा है कि उनकी वेबसाइट को हैक नहीं किया गया। उन्होंने सिर्फ डाटा चोरी होने की आशंका जताई है।

आईआरसीटीसी की वेबसाइट हैक के मामले में जांच के बाद ही सामने आएगा सच

आईआरसीटीसी की वेबसाइट

भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स वेबसाइट को लेकर आईआरसीटीसी से सीएमडी एके मनोचा ने कहा, आईआरसीटीसी की वेबसाइट हैक नहीं हुई है। फिलहाल डाटा चोरी को लेकर जो बात हो रही है, उस बारे में हम जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह की जानकारी चोरी होने की बात कही जा रही है वह पीएनआर स्टेटस चेक से भी निकाली जा सकती है। वेबसाइट पर हर दिन 30 से 40 मिलियन लोग पीएनआर स्टेटस चेक करते हैं।

महाराष्ट्र सरकार ने किया अलर्ट

इससे पहले महाराष्ट्र सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी केपी बख्शी ने कहा था कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट हैक हो गई है। राज्य सरकार ने इस कारण आईआरसीटीसी और रेलवे बोर्ड को अलर्ट जारी किया था। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने हैकर्स की पहचान कर ली है। करीब एक करोड़ रेल यात्रियों की जानकारी जिनमें उनके फोन नंबर, जन्म तिथि आदि शामिल हैं, की चोरी की गई है।

मार्केटिंग कंपनियां खरीद रही हैं डाटा!

महाराष्ट्र सरकार की मानें तो इन जानकारियों की सीडी बनाकर बेची जा रही है। पता चला है कि हैकर्स से यह जानकारी मार्केटिंग कंपनियां खरीद रही हैं, जो इनका इस्तेमाल टेली मार्केटिंग कॉल्स आदि के लिए कर सकते हैं। एक रेलवे अधिकारी का कहना है कि चुराए हुए डाटा का दुरुपयोग किया जा सकता है, कोई उनसे फर्जी डॉक्युमेंट्स बना सकता है।

जांच के लिए बनी छह सदस्यीय समिति

मामले पर आईआरसीटीसी ने कहा कि मुंबई के आईजी साइबर क्राइम ने दो मई को पश्चि‍म रेलवे के सीसीएम को इस बात की शि‍कायत भेजी थी। इसमें कहा गया था कि रेलवे यात्रि‍यों को डाटा ऑनलाइन बेचा जा रहा है। सीसीएम ने इस शि‍कायत के बारे में रेलवे बोर्ड को जानकारी दी। बुधवार को रेलवे बोर्ड ने बैठक बुलाई और मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया। इस समिति में तीन आईआरसीटीसी के अधि‍कारी और तीन सीआरआईएस के अधि‍कारी शामिल हैं। समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

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