
देहरादून। देहरादून में बैंक खातों से चोरी करने वाले शातिर को मुंबई में पुलिस ने पकड़ा था। उन चार बदमाशों को पुलिस बुधवार शाम देहरादून लेकर पहुंची। गिरफ्तार आरोपियों में गैंग का मास्टरमाइंड रामवीर, जगमोहन और सुनील शामिल हैं।
एसटीएफ ने देर शाम आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों को दून जेल भेज दिया गया। अब बदमाशों से दून की पुलिस पूछताछ करने में लगी है।
एसएसपी रिदिम का कहना है कि उत्तराखंड में एटीएम क्लोनिंग के अब तक की सबसे बड़ी वारदात के फरार चल रहे तीनों आरोपियों को सोमवार को ही कोल्हापुर में गिरफ्तार कर लिया गया था।
गैंग के काम करने के तरीकों का खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि एटीएम क्लोनिंग गैंग का सरगना रामवीर पुत्र स्व. राजपाल निवासी ग्राम बरहाना थाना बेरी जिला झज्जर (हरियाणा) का रहने वाला है, जो खुद 10वीं फेल है, लेकिन वर्ष 2012 में पड़ोस के गांव के सुनील पुत्र धर्मपाल निवासी खराबड़ रोहतक हरियाणा से एटीएम के कीपैड में तिल्ली फंसा कर एटीएम ठगी का काम सीखा, जिसके बाद उसने कई कारनामे किए।
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बाद में रामवीर ने अपने गांव के जगमोहन पुत्र देवेंद्र को साथ लेकर गिरोह बना लिया। इसके बाद तीनों ने साइबर तकनीकी में माहिर शख्स से एटीएम क्लोनिंग के काम सीखे।
खुलासे में नजर नहीं आई दून पुलिस
एसटीएफ के बुधवार को किए गए खुलासे में दून पुलिस नजर नहीं आई। इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं रहीं। डीजीपी के स्तर से इस मामले की जांच के एसआइटी गठित की गई थी, जिसमें दून पुलिस और एसटीएफ दोनों को टीम वर्क के साथ काम करने की हिदायत दी गई थी।
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पुलिस टीम को साढ़े 32 हजार का इनाम
साइबर ठगों के गैंग का खुलासा और गिरफ्तारी करने पर डीजीपी अनिल के रतूड़ी ने 20 हजार, आइजी एसटीएफ दीपम सेठ ने दस हजार व एसएसपी एसटीएफ ने ढाई हजार रुपये का इनाम दिया है।