
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक जुलाई 2017 से देश में GST लागू कर दिया है. GST यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के लागू होने से देश भर में “एक देश एक कर” प्रणाली शुरू हो चुकी है. अभी इस नियम के लागू हुए 15 दिन भी नहीं हुए थे कि इस बीच सरकार ने जीएसटी के अंतर्गत बड़ा बदलाव किया है. दरअसल, पुरानी कार और सोने की ज्वैलरी बेचने पर अब आपको GST नहीं देना होगा. सरकार ने अपना पुराना फैसला वापस लेते हुए कहा कि “जब भी कोई आम आदमी पुरानी ज्वैलरी को बेचेगा, तो उस पर उसे और ज्वैलर को जीएसटी के तहत किसी भी तरह का रिवर्स चार्ज नहीं देना होगा”.
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वित्त मंत्रालय की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि पुरानी ज्वैलरी की तरह ही यह सिद्धांत पुरानी कार बेचने पर भी लागू होता है.
वित्त मंत्रालय ने साफ की स्थिति
वित्त मंत्रालय ने कहा कि “जीएसटी कानून का सेक्शन 9 कहता है कि जब भी कोई अनरजिस्टर्ड सप्लायर (इस मामले में आम आदमी) किसी रजिस्टर्ड व्यक्ति (इस मामले में ज्वैलर) को ज्वैलरी बेचता है, तो आम आदमी को इसके लिए कोई टैक्स नहीं देना होगा. ऐसे ट्रांजैक्शन में आरसीएम के तहत टैक्स रजिस्टर्ड व्यक्ति के जरिए भरा जाएगा”.
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सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि भले ही एक आम आदमी पुरानी ज्वैलरी बेच रहा है, लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं है कि ये उसका बिजनेस है. इसलिए पुरानी ज्वैलरी बेचने वाले आम आदमी को जीएसटी कानून के मुताबिक सप्लायर नहीं माना जा सकता. इसलिए एक इंडिविजुअल की तरफ से पुरानी ज्वैलरी ज्वैलर को बेचने पर आरसीएम के तहत कोई टैक्स नहीं देना होगा और यहां सेक्शन 9(4) लागू नहीं होता.
दबाव के बाद लिया फैसला
जीएसटी की मास्टर क्लास में बुधवार को रेवेन्यू सेक्रेटरी ने बताया था कि पुरानी ज्वैलरी बेचने पर 3 फीसदी जीएसटी देना होगा. गुरुवार को वित्त मंत्रालय ने भारी दबाव के बाद यह फैसला वापस ले लिया. मंत्रालय ने बयान जारी कर इस पर सफाई दी और बताया कि पुरानी ज्वैलरी बेचने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.