इतिहास बन चुके 2011 वर्ल्डकप में फिक्सिंग के जरिए जीता था भारत!

2011 वर्ल्डकपनई दिल्ली। कपिल देव की अगुवाई में 1983 में विश्वकप जीतने के 28 साल बाद 2011 में कैप्टन कूल धोनी की कप्तानी में जीतकर इतिहास रचा था। अब 6 साल बाद इस पर श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि साल 2011 वर्ल्डकप के फाइनल मुकाबला फिक्स था।

अर्जुन रणतुंगा ने ने भारत के हाथों फाइनल में उनके देश को मिली हार की जांच की मांग की है। रणतुंगा ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें कहा है कि वह मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गये फाइनल में श्रीलंका की छह विकेट से हार से हैरान थे।

यह भी पढ़ें : विज्ञान का नया करिश्मा, वैज्ञानिकों ने DNA में सेव कर दी मूवी

इस वीडियो में  53 वर्षीय पूर्व कप्तान ने कहा, मैं तब कमेंट्री के लिये भारत में था। जब हम हारे तो मैं काफी निराश था और मुझे आशंका थी श्रीलंका के साथ विश्व कप 2011 के फाइनल में जो कुछ हुआ हमें उसकी जरूर जांच करनी चाहिए रणतुंगा ने किसी का नाम लिये बिना कहा कि खिलाड़ी अपनी सफेद पोशाक के कारण गंदगी नहीं छिपा सकते।

2011 वर्ल्डकप के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओलर में छह विकेट पर 274 रन बनाए थे। भारत की तरफ से सचिन तेंदुलकर का विकेट जल्दी गिरने के बाद श्रीलंका की टीम मजबूत स्थिति में आ गई थी। लेकिन उसके बाद भारत ने पासा पलटते हुए मुकाबला जीत लिया था।

यह भी पढ़ें : टीम इंडिया के ‘हिटमैन’ बने डब्ल्यूडब्ल्यूई के नए चैंपियन

स्थानीय मीडिया ने इस मुकाबले में हार के लिये श्रीलंकाई खिलाडियों पर शक किया था लेकिन रणतुंगा से पहले किसी ने भी जांच की अपील नहीं की थी। रणतुंगा के प्रवक्ता तामिरा मंजू ने एएफपी से कहा कि वह देश में क्रिकेट की दुर्दशा को लेकर राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को भी पत्र लिख रहे हैं।

अर्जुन रणतुंगा साल 1996 में वर्ल्डकप जीतने वाली श्रीलंका की टीम के कप्तान थे और श्रीलंका सरकार में खेल मंत्री भी रहे हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि क्या श्रीलंका की सरकार उनकी मांग पर कोई जांच बिठाती है या नहीं।

LIVE TV