
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 30 जून को रात 12 बजे देश में लागू हो जाएगा। इसे आजाद भारत का सबसे बड़ा कर सुधार बताया जा रहा है। जीएसटी का असर लगभग सभी चीजों पर पड़ेगा। भले ही भारत इसे पहली बार लागू करने जा रहा हो लेकिन ऐसा करने वाला वह अकेला देश नहीं है।
पहले फ्रांस ने 1954 में जीएसटी लागू किया था. इसके बाद करीब 160 देश में जीएसटी को वरीयता दी गई।
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वहीं ब्राजील, कनाडा जैसे बहुत से देशों में डुअल-जीएसटी (राज्य का अलग और देश का अलग जीएसटी) लागू है। इन देशों की तरह भारत में भी डुअल जीएसटी लाने का फैसला किया गया है।
एशिया में किन देशों में है जीएसटी
भारत से पहले मलेशिया, सिंगापुर, पाकिस्तान और चीन अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार करने के लिए जीएसटी लागू कर चुके हैं।
भारत के जीएसटी और एशिया में उसके समकक्ष देशों के जीएसटी पर नजर डालें तो दोनों में जमीन आसमान का अंतर देखने को मिलता है।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में भले ही हमसे पहले 2013 जून से जीएसटी लागू है, पर फिर भी यहां जीएसटी के अलावा सर्विस टैक्स व अन्य टैक्स भी लागू हैं। वहीँ मलेशिया, सिंगापुर, पाकिस्तान और चीन में जीएसटी का स्टेंडर्ड रेट हमसे काफी कम है। यहां स्टेंडर्ड रेट क्रमश: 10, 6, 15, 7, 17, 17 फीसदी है।
जीएसटी ने नहीं दिए अच्छे रिटर्न्स
भारत में जीएसटी का भविष्य कैसा होगा इसका फैसला अभी होना बाकी है। लेकिन दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जो आज भी इससे जूझ रहे हैं। कनाडा में भी ड्यूल जीएसटी है। यहां भी विपक्षी दलों ने जीएसटी का जमकर विरोध किया था।
जिसके चलते कनाडा सरकार ने जीएसटी लागू करने के बाद करीब दो बार उसका रेट कम किया। इसी तरह 1994 में जब सिंगापुर में जीएसटी लागू हुआ था तब वहां मंहगाई बढ़ गई थी।
मलेशिया में भी 26 साल की बहस के बाद 2015 में जीएसटी लागू हुआ। मलेशिया ने जीएसटी तैयार करने के लिए करीब डेढ़ साल का समय लगाया। लेकिन इसके बावजूद यहां ढरों खामियां सामने आईं।
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इस देश के जीएसटी को माना जाता है बेस्ट
जिन-जिन देशों में जीएसटी लागू है उनमें न्यूजीलैंड के जीएसटी सबसे अच्छा माना जाता है। यहां पर भारत के जैसे पेट्रोल, शराब, तंबाकू आदि प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे से बाहर नहीं रखा गया है, बल्कि यहां सभी उत्पादों को जीएसटी के दायरे में रखा गया है और जीएसटी की एक ही दर है। इसके अलावा उसके सामने भारत की तरह अलग-अलग राज्य व्यवस्था की चुनौती नहीं है।