
नई दिल्ली। देश में हर दिन एक्सीडेंट की घटनाएं सामने आती हैं। जिसके कारण अधिकतर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी होती है। बावजूद इसके घटना में मृत्यु होने पर लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां अपने ग्राहंकों को मुआवजा देती हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब अगर एक्सीडेंट में मौत होती है और एक्सीडेंट का कारण नशे को पाया जाता है तो इंश्योरेंस कंपनिया आपको मुआवजा नहीं देंगी।
लोकसभा में शुक्रवार को संशोधित मोटर वाहन अधिनियम पेश किया गया। इस अधिनियम में यह प्रावधान बनाया गया है कि अगर नशे के कारण एक्सीडेंट होता है तो पीड़ितों को इंश्योरेंस कंपनी मुआवजा नहीं देगी, बल्कि दोषी नुकसान की भरपाई करेगा। इतना ही नहीं ये मुआवजा आरोपी के आय पर निर्भर रहेगा।
जानकारों का कहना है कि सरकार को ऐसे नियम नहीं बनाना चाहिए जिससे आम आदमी का नुकसान हो। इस नियम से पीड़ितों को कम मुआवजा मिलेगा क्योंकि मुआवजा ड्राइवर की आय पर टिका होगा। और इससे सिर्फ इंशोयरेंस कंपनियों को फायदा पहुंचेगा।
इस प्रावधान का विरोध करने वालों ने कहा कि अगर कोई नशे की हालत में हादसे को अंजाम देता है तो ये प्रशासन की नाकामी होती है। लेकिन इसका खामियाजा पीड़ित को भुगतना पड़ता है। इस नए संसोधित अधिनियम में ड्राइवर की ओर से गैर इरादतन हत्या की धाराओं को शामिल नहीं किया गया है। बता दें कि इसे गैर जमानती क्राइम माना जाता है और 10 साल की जेल का प्रावधान है।