
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार लगातार सुरक्षाबलों की स्थित को सुधारने की बात कर रही है। लेकिन शायद अभी इसका असर नहीं हो रहा है। देश में सुरक्षाबलों के जवानों की स्थित बहुत खराब है। कठिन परिस्थितियों में काम करने, खराब खाने और अलाउंसेज की पेमेंट न होने को लेकर आतंरिक तौर पर शिकायत करने से लेकर पीएम को पत्र लिखकर सीआईएसएफ के जवान अपनी परेशानियां बता चुके हैं। लेकिन, अब बेंगलुरु के केम्पे गोडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षा में तैनात 200 जवानों ने उत्पीड़न के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया है।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बीते 3 सालों में 344 अर्ध सैनिक बलों के जवानों ने आत्महत्या कर ली। इनमें से 15 लोगों ने इस साल के शुरुआती तीन महीनों में ही मौत को गले लगा लिया। आंकड़ों के मुताबिक आत्महत्या करने वाले जवानों में से 15 पर्सेंट यानी 53 जवान सीआईएसएफ के थे। इसके अलावा 25 मामले ऐसे रहे हैं, जिसमें जवानों ने अपने ही सहकर्मियों की हत्या कर दी या फिर उन पर फायरिंग कर दी। ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों में 13 जवान सीआईएसएफ के ही थे।
इसी साल जनवरी में केम्पे गोडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर एक जवान ने अपनी ही सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी।