
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रुस के 35 राजनयिकों को अमेरिका से निकाल दिया है। अमेरिकी चुनाव में हैकिंग के मामले के बाद से रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। ओबामा ने आज रूसी अधिकारियों और खुफिया सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिए। अमेरिकी विदेश विभाग ने वॉशिंगटन स्थित रूसी दूतावास और सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास से 35 राजनयिकों को निकाल दिया है। इनको और इनके परिवार से 72 घंटे के भीतर अमेरिका छोड़ने के लिए कहा गया है।
इन राजयनिकों को ‘अपने राजनयिक स्थिति के प्रतिकूल ढंग से’ काम करने की वजह से अस्वीकार्य घोषित कर दिया गया है। इसपर रूस ने भी पलटवार किया और उसने कल्चरल प्रोग्राम होस्ट करने और इंग्लिश लैंग्वेज पढ़ाने वाले 28 अमेरिकी संस्थानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है। अमेरिका के मुताबिक, यह कूटनीतिक रिश्तों पर प्रहार है।
ओबामा ने कहा कि अमेरिका के मैरीलैंड और न्यू यॉर्क में स्थित दो रूसी सरकारी परिसरों तक अब रूस के लोगों की पहुंच नहीं होगी। रूसी अधिकारियों ने ओबामा प्रशासन के इस आरोप से इनकार किया है कि रूस की सरकार अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रही थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुंची हैं कि रूस का मकसद डोनाल्ड ट्रंप की जीत सुनिश्चित करना था। ट्रंप ने एजेंसियों के इस आकलन को हास्यास्पद करार दिया है।