सीएम अखिलेश ने यूपी की जनता को दिया धोखा, अधूरे सपने का किया उद्घाटन

अखिलेश यादवलखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाल ही में 302 किलोमीटर लंबे एंव छह लेन वाले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था। इस दौरान एक्सप्रेसवे पर एक के बाद एक आठ फाइटर प्लेन उतरे और पूरा समारोह बेहद शानदार रहा। लेकिन अगर किसी को लगता है कि अब वह इस एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल कर महज साढ़ें तीन घंटे में आगरा से लखनऊ पहुंच जाएगा तो यह सफर उसके लिएजीवन का सबसे दुखदायी सफर भी साबित हो सकता है।

एक्सप्रेसवे के बेहद भव्य उद्घाटन समारोह के इतने दिनों बाद भी इस पर डिवाइडर, साइड बैरियर, रोशनी की व्यवस्था, तार की फेंसिंग, सेंट्रल लाइन मार्किंग जैसे बेहद अहम काम होने बाकी हैं। एक्सप्रेसवे पर फिलहाल निर्माण कार्य प्रगति पर है…इस साइनबोर्ड के अभाव में यात्रा करने वाले लोग एक्सप्रेसवे पर सफर करने का मजा लेने के इरादे से इस पर आ तो जाते हैं लेकिन उन्हें बीच रास्ते से वापस आना पड़ता है क्योंकि निर्माण कार्य चलने की वजह से कई जगहों पर एक्सप्रेसवे फिलहाल बंद है।

हालांकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उद्घाटन समारोह के दिन घोषणा की थी कि एक्सप्रेसवे को आम लोगों के लिए 23 दिसंबर को खोल दिया जाएगा लेकिन प्रॉजेक्ट से जुड़े अधिकारियों की मानें तो चार रेल ओवरब्रिज जो इस प्रॉजेक्ट का हिस्सा हैं उसमें से सिर्फ दो ओवरब्रिज का काम ही पूरा हो सका है। इटावा-मैनपुरी ब्रिज और बहादूं का काम जनवरी 2017 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को रिंग रोड के जरिए यमुना एक्सप्रेसवे से इंटर लिंक करने का काम आगरा डिवेलपमेंट अथॉरिटी की ओर से किया जा रहा है।

यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी के चीफ इंजिनियर अनिल पांडे ने खुद माना है कि , ‘फिलहाल एक्सप्रेसवे पर सफर करना सुरक्षित नहीं है। फिलहाल एक्सप्रेसवे पर साइड बैरियर, मेटलबीम, क्रैश बैरियर, डिवाइडर, स्पीड ब्रेकर, साइनबोर्ड और कंक्रीट लेयरिंग का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। युद्धस्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है। मुमकिन है कि 23 दिसंबर तक एक्सप्रेसवे को आम लोगों के इस्तेमाल के लिए खोल दिया जाएगा। हमें सरकार की तरफ से टोल के बारे में कोई निर्देश नहीं मिला है। इसलिए जब यह पब्लिक के लिए खुलेगा तब शुरुआत में यह एक्सप्रेसवे टोल फ्री होगा।’

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