कांग्रेस के कार्यकाल में नही हुई कोई सर्जिकल स्ट्राइक

मुंबई। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में सर्जिकल स्ट्राइक के कांग्रेस के दावे को खारिज करने तथा हाल में हुए सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बड़ा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने के बयान के बाद बुधवार को देश का सियासी पारा एक बार फिर गरमा गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि फैसले का कुछ श्रेय उन्हें भी जाता है।

देश की आर्थिक राजधानी में फोरम फॉर इंटीग्रेटेड नेशनल सिक्योरिटी की मेजबानी में एक कार्यक्रम के दौरान पर्रिकर ने कहा, “मेरी जानकारी में, अतीत में कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं किया गया। उन कार्रवाइयों को ‘कॉवर्ट एक्शन’ कहना ज्यादा सही होगा, जिसमें कार्रवाई पहले की जाती है और सरकार को सूचना बाद में दी जाती है। लेकिन 28 सितंबर को हुआ स्ट्राइक सरकार के फैसले का परिणाम था।”

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मंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का कांग्रेस का दावा अब किया जा रहा है, तब नहीं जब कथित तौर पर यह स्ट्राइक हुआ था।

उन्होंने कहा, “उनमें से कुछ सही हो सकते हैं, जबकि कुछ अतिशयोक्ति हो सकती है। चुनाव के दौरान तो वे यह भी दावा करेंगे कि संप्रग के कार्यकाल में दो-तीन दर्जन बार सर्जिकल स्ट्राइक हुए थे।”

कांग्रेस ने कहा है कि संप्रग के कार्यकाल के दौरान तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक किए गए।

एक अन्य कार्यक्रम में पर्रिकर ने कहा कि सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय देश के प्रत्येक नागरिक के साथ साझा करने से उन्हें कोई परहेज नहीं है।

उन्होंने कहा, “इस अभियान को सेना ने अंजाम दिया है, न कि किसी राजनीतिक दल ने। इसलिए वैसे लोग जिन्हें इस तरह का व्यक्तिगत अनुभव नहीं है और इसके कारण वह इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं, उनके साथ ही सभी भारतीय इसका श्रेय साझा कर सकते हैं।”

उन्होंने हालांकि कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बड़ा श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है।

विपक्ष के भाजपा द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक लाभ लेने के आरोपों पर उन्होंने कहा, “इसका श्रेय फैसला लेने वालों तथा इसकी योजना बनाने वालों को जाता है।”

उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि लोगों की भावनाएं संतुष्ट हुई हैं और जब देशवासी संतुष्ट हैं, वो खुदा जैसा ही होता है, छप्पर फाड़ के देता है।”

उन्होंने कहा, “बीते 30 वर्षो से लोग सहन कर रहे थे और 28 सितंबर को उनकी सारी भड़ास निकल गई।”

मंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार ने सत्ता में आने के बाद से लेकर अब तक 2.5 लाख करोड़ के रक्षा प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

रक्षा मंत्री ने कहा, “आने वाले महीनों और सालों में हमारी क्षमता में एक स्तरीय सुधार होगा, जिसे कोई हलके में नहीं ले सकता।”

उल्लेखनीय है कि जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में 18 सितंबर को सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पार कर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।

विपक्ष ने सरकार पर सेना के सर्जिकल स्ट्राइक का चुनावी फायदा लेने के प्रयास का आरोप लगाया है।

बुधवार को एक बार फिर सरकार पर करारा हमला किया गया।

कांग्रेस के प्रवक्ता संजय झा ने कहा, “रक्षा मंत्री का बयान भाजपा की तीखी जुबान का जबरदस्त उदाहरण है। वे दोहरी भाषा बोलते हैं।”

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “पर्रिकर ने दावा किया है कि मोदी सरकार ने सेना को उसकी वास्तविक क्षमता का अहसास कराया। अमित शाह ने देश से झूठ बोला.. यह कहकर उन्होंने हमारे देश की सेना को कलंकित किया कि सेना ने 68 वर्षो के दौरान मोदी सरकार के तहत पहली बार नियंत्रण रेखा पार की।”

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने कहा कि लोगों के मुद्दों से उनका ध्यान हटाने के लिए सरकार सर्जिकल स्ट्राइक पर नाटकबाजी कर रही है।

वहीं आम आदमी पार्टी (आप) नेता दिलीप पांडे ने कहा, “यदि आप (पर्रिकर) भारतीय सेना के इतिहास को नजरअंदाज करते हैं और सेना के पराक्रम के बदले खुद की और प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हैं, तो सेना की उपलब्धि का इससे बड़े अपमान का और कोई उदाहरण नहीं हो सकता।”

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